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“मैं पूरी कोशिश करता हूँ कि हमारे पुलिस विभाग का नाम हमेशा ऊँचा रहे।”
May 12, 2016
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श्रीमान दीवान सिंह, सीलमपुर पुलिस थाना, मैं सलाम करता हूँ आप जैसे ईमानदार और नेकदिल पुलिस अफसर को।
सुबह के करीब 4:30 बज रहे थे और मैं राजघाट, दिल्ली पर सिविल लाइन्स की तरफ मुँह कर के खड़ा था। मैं पूरी रात यात्रा करके लुधियाना से दिल्ली आया था, नोएडा की एक कंपनी में मेरा साक्षात्कार था। मुझे जी.टी.बी नगर जाना था पर आधे घंटे से रिक्शेवाले का इंतज़ार कर के थक गया था, मुझे विलम्ब हो रहा था। तभी एक पी.सी.आर मोटरसाइकल मेरे सामने से गुज़री, दो मिनट बाद वह मोटरसाइकल मेरे सामने आ कर रुकी और उस पर बैठे अफसर ने मुझसे पुछा कि मैं कहाँ जाना चाहता हूँ। मैंने उनसे बताया की मुझे जी.टी.बी नगर जाना है और यह सुन कर उन्होंने कहा,
“आओ मैं तुम्हें वहाँ छोड़ देता हूँ।”
यह बात उन्होंने इतनी नम्रता से कही कि मैं हैरान रह गया था। उन्होंने ३ किलोमीटर दूर जी.टी.बी नगर मेट्रो पर मुझे उतारा। मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उनसे ऐसा करने का कारण पूछ लिया। बदले में जो उत्तर मुझे मिला उसने पुलिस वालों के लिए मेरा नज़रिया बदल दिया। उन्होंने कहा,
“मैं नहीं चाहता कि जब मैं ड्यूटी पर रहूँ तो कोई भी नागरिक किसी हादसे या जुर्म का शिकार हो, मैं पूरी कोशिश करता हूँ कि हमारे पुलिस विभाग का नाम हमेशा ऊँचा रहे।”
यह वाक्य सीधे उनके हृदय से आ रहे थे और यह उनके चेहरे पर साफ़ झलक रहा था। उन्होंने मुस्कुरा कर मुझे अलविदा कहा और चल दिए। मेरी यही दुआ है कि दीवान सिंह जैसे अफ़सर इस देश के हर एक कोने में हों, जो अपने फ़र्ज़ को अपने भगवान की तरह पूजते हों। फ़िर से बहुत-बहुत धन्यवाद सर।
माणिक कालिया
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