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सकारात्मक पहल: भूखों के लिए फूड एटीएम
July 28, 2017
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भूखे को अन्न खिलाना ही सबसे बड़ा धर्म है और मानवता की सच्ची पहचान है. इसी भावना की मिसाल पेश कर रहा है नवाबों के शहर लखनऊ में गोमतीनगर स्थित रिट्ज रेस्तरां.
इस रेस्त्रां के बाहर एक फूड एटीएम लगाया गया है. इस एटीएम से कोई भी फ्री में खाना ले सकता है और कोई भी खाना दे सकता है. शहर की संस्था ‘राउंड टेबल इंडिया‘ और ‘लेडीज सर्किल इंडिया’ ओर से बचे खाने को फेंकने के बजाय जरूरतमंदों को देने के लिए इसकी शुरुआत की गई है.
तर्कसंगत से बात करते हुए रिट्ज के मैनेजर अर्जुन सिंह ने बताया, “लखनऊ का ये पहला रेस्त्रां है जहां पर दो संस्थाओं लेडीज सर्किल इंडिया और राउंड टेबल इंडिया की मदद से फूड एटीएम की शुरुआत की गई है. इससे कई लोगों को भूखे रहने से बचाया जा सकेगा. हम अपनी तरफ से फूड एटीएम के लिए जगह और बिजली के साथ–साथ खाना देते हैं. इसमें जो भी खाना रखा जाता है उसपर तारीख और समय डाल दिया जाता कि इतने समय तक खाना प्रयोग में लाया जा सकता है.”
फूड एटीएम के पास 24 घंटे एक सुरक्षाकर्मी तैनात रहता है. मदद के इच्छुक लोग उसे बचा खाना दे सकते हैं. इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि बचा हुआ खाना जूठा न हो.
आने वाले समय में इस रेस्त्रां की तर्ज पर शहर के दुसरे रेस्टोरेंट में और एटीएम लगाने की योजना है. इसके लिए कुछ और रेस्टोरेंट के प्रबंधन से संस्था के लोग संपर्क में हैं.
विश्व खाद्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया का हर सातवां व्यक्ति भूखा सोता है. विश्व भूख सूचकांक में भारत का 67वां स्थान है.
देश में हर साल 25.1 करोड़ टन अनाज का उत्पादन होता है लेकिन हर चौथा भारतीय भूखा सोता है.
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 23 करोड़ टन दाल, 12 करोड़ टन फल और 21 करोड़ टन सब्जियां वितरण प्रणाली में खामियों के कारण खराब हो जाती हैं.
भारत में हर साल 50 हजार करोड़ रुपये का भोजन बर्बाद चला जाता है. यह देश के खाद्य उत्पादन का 40% है.
तर्कसंगत इस पहल को सलाम करता है. अगर समाज मे जागरूकता के रूप में एेसी मुहिम चलायी जाये तो कम से कम ये उन बेसहारा लोगों के लिए एक सकारात्मक पहल होगी जिन्हें 2 वक्त की रोटी नसीब नही होती.
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