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राजस्थानः चोटी काटने के आरोप में युवक को पीटा, कई गिरफ़्तार
August 5, 2017
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महिलाओं की चोटी काटने की अफ़वाहों अब हिंसा की वजह बन रही हैं.
उत्तर प्रदेश के आगरा में जहां एक दलित महिला की चोटी काटने के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई वहीं राजस्थान के भरतपुर में एक मुस्लिम युवक की पिटाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
भरतपुर के सीकरी के रहने वाले मोहम्मद मुकीम के परिवार का आरोप है कि भीड़ ने उन्हें चोटी काटने और जादू करने का आरोप लगाकर बुरी तरह पीटा.
मीडिया के हस्तक्षेप के बाद भरतपुर पुलिस ने 30 जुलाई की इस घटना के संबंध में 04 अगस्त को एफ़आईआर दर्ज की है.
शुक्रवार देर रात दबिश मारकर पुलिस ने कई अभियुक्तों को गिरफ़्तार भी किया है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भीड़ मुकीम को रस्सियों से बांधकर पीटती हुई दिख रही है.
मुकीम के परिजनों का आरोप है कि भीड़ ने उन्हें शराब और पेशाब भी पिलाया.
ये घटना 30 जुलाई की है. मुकीम के भाई रियाज़ुद्दीन ने तर्कसंगत को बताया कि मुकीम हाफ़िज़-ए-क़ुरान है और घटना के दिन मदरसे जा रहा था.
रियाज़ुद्दीन का आरोप है कि जब उनके परिवार ने घटना के बाद मामला दर्ज कराने की कोशिश की तो पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया.
लोकतंत्र या भीड़तंत्र?
हाल के दिनों में भीड़ के हाथों लोगों को पीटे जाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. झारखंड में एक युवक को लड़की से छेड़खानी के आरोप में बुरी तरह पीटा गया था.
वहीं मेरठ में भी युवकों के पीटे जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं.
भीड़ की हिंसा का व्यापक स्तर पर विरोध भी हुआ है और अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी भीड़ की हिंसा से जुड़ी ख़बरें प्रकाशित कर रहा है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं ऐसी घटनाओं की आलोचना कर चुके हैं, बावजूद इसके ऐसी घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है.
लगातार आ रहीं इस तरह की रिपोर्टें भारतीय समाज के चरित्र पर सवाल खड़े कर रही हैं और पूछा जाने लगा है कि भारत लोकतंत्र है या भीड़तंत्र.
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