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बिहार बाढ़ः सरकार पर सवाल उठाती फ़ेसबुक ग्रुप की ग्राउंड पत्रकारिता
August 30, 2017
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बिहार में आई बाढ़ से अभी तक 514 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. सीमांचल इलाक़ा बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित है.
राष्ट्रीय मीडिया से जहां बिहार की बाढ़ की ख़बरें लगभग ग़ायब हैं, एक फ़ेसबुक ग्रुप ख़बर सीमांचल पर इस बाढ़ से प्रभावित लोगों के बारे में लगातार अपडेट किए जा रहे है.
वरिष्ठ पत्रकार हसन जावेद इस ग्रुप का संचालन कर रहे हैं जो बाढ़ के मुश्किल हालात में लोगों तक जानकारियां पहुंचाने और प्रशासन को प्रभावित लोगों से जोड़ने का ज़रिया बन गया है.
सीमांचल में बाढ़ की भयावह हकीकत
सीमांचल में बाढ़ की भयावह हकीकत बिहार के सीएम हवा हवाई खेल रहे हैं। सीमांचल बाढ़ की बर्बादी से तड़प रहा है। आफतजदा लोग दाने दाने के लिए मोहताज है। मीडिया पर बाढ़ की हकीकत दिखाने पर पाबंदी लगा दी गई है। खबर जो छुपती नहीं है वो आपको सामने है। ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। सरकार को बेचैन करें। इन इलाकों में 7वें दिन तक राहत कार्य नहीं चलाया गया है। सोचिए ये सरकार है या फिर क्या है? हमारे साथी रवि प्रकाश जी को दाद भी दें
Nai-post ni Hasan Jawed noong Sabado, Agosto 19, 2017
ग्रुप पर पोस्ट किया गया एक वीडियो बिहार सरकार के प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के दावों की पोल खोलता है.
हालांकि ये वीडियो करीब एक सप्ताह पुराना है लेकिन हसन जावेद का कहना है कि हालात अभी भी ऐसे ही हैं और कई इलाक़ों में राहत सामग्री का वितरण कागज़ों में ही कर लिया गया है.
ग्रुप में की गईं कई अन्य पोस्ट में भी राहत सामग्री वितरण में गड़बड़ी की बात कही गई है.
हमारा क्या कसूर है साहब?दिघलबैंक के अठगछिया पंचायत अंतर्गत दोगाछी में राहत के दौरान बेहद विचित्र मामला सामने आया है। द…
Nai-post ni Hasan Jawed noong Lunes, Agosto 28, 2017
यही नहीं पत्रकार हसन जावेद अपनी वॉल पर भी लगातार बाढ़ के बारे में अपडेट कर रहे हैं.
बिहार की बाढ़ का पानी अब कम हो रहा है और राष्ट्रीय मीडिया में मुंबई की बारिश पर चर्चा हो रही है.
किशनगंज नगर में बाढ़ बरकरार है। यहां के तेघरिया गांव का ताजा हाल देखिए। बाढ़ का पानी अब भी जमा है। पानी निकासी नहीं होने से इलाके में लोग बीमार पढ़ रहे हैं। वार्ड पार्षद से लेकर स्वास्थ्य विभाग का अमला बेफिक्र है। तेघरिया के लोगों ने खबर सीमांचल से इस समस्या को दूर करने के लिए सहयोग की अपील की है।
Nai-post ni Hasan Jawed noong Martes, Agosto 29, 2017
लेकिन सीमांचल के कई इलाक़ों में हालात अभी भी बेहद मुश्किल हैं.
इस ग्रुप में लोग एक दूसरे को न सिर्फ़ बाढ़ से संबंधित अपडेट दे रहे हैं बल्कि उन लोगों की तस्वीरें भी पोस्ट की जा रही है जो अपने निजी प्रयासों से राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं.
करीब एक लाख अस्सी हज़ार सदस्यों वाले इस फ़ेसबुक ग्रुप ने साबित किया है कि नए दौर में जब राष्ट्रीय मीडिया की प्राथमिकताएं अलग हों तब सोशल मीडिया के माध्यम से भी ज़मीनी पत्रकारिता की जा सकती है और बदलाव लाया जा सकता है.
ग्रुप की एक कामयाबी ये भी है कि बाढ़ में घिरे लोगों को देखकर दिल्ली और दूसरे शहरों से कई लोग राहत सामग्री पहुंचाने के लिए आगे आ सके.
ये फ़ेसबुक ग्रुप बाढ़ में फंसे लोगों की लाइफ़लाइन सा बन गया है जहां सदस्य हर ज़रूरी जानकारी एक दूसरे से साझा कर रहे हैं और हर ज़रूरी सवाल उठा रहे हैं.
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