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कर्नाटकः सरकार ने लाभ के पदों पर नियुक्त 21 विधायकों का वेतन रोका
September 28, 2017
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कर्नाटक की सरकार ने एक अहम फ़ैसला लेते हुए उन 21 विधायकों का वेतन रोक दिया है जिन्हें सरकार के अन्य विभागों से भी वेतन मिल रहा था.
मौजूदा नियमों के तहत जनप्रतिनिधि एक साथ दो सरकार से दो जगह से वेतन नहीं ले सकते हैं.
हालांकि इस नियम की आमतौर पर अनदेखी होती रही है. जिन विधायकों को सरकार के मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिल पाती है उन्हें राजनीतिक पार्टियां विभिन्न बोर्डों, परिषदों या कार्पोरेशनों में वेतन के पदों पर नियुक्त कर दिया जाता है.
राज्य सचिवालय की ओर से इस संस्कृति पर आपत्ति दर्ज किए जाने के बाद कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ये फ़ैसला लिया है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार इन 21 विधायकों से दो बार लिया गया वेतन वसूल करने की तायीरू भी कर रही है.
सरकार के इस फ़ैसले के बाद कई विधायकों ने कहा है कि वो दो जगह से वेतन नहीं ले रहे थे.
उनका कहना है कि उन्होंने विधानसभा से वेतन लेना बंद कर दिया था.
बैल्लारी से विधायक एनवाई गोपालकृष्णा ने एनडीटीवी से कहा, “मैं सिर्फ विभाग से वेतन ले रहा हूं और विधायक के पद का वेतन नहीं ले रहा हूं. मैं उनसे कोई पैसा ले ही नहीं रहा हूं. ये एक अच्छा फ़ैसला है.”
कर्नाटक में विधायकों के 65 हज़ार रुपए प्रतिमाह के वेतन के साथ साथ कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं.
यही नहीं विधायक प्रत्येक महीने पच्चीस हज़ार रुपए का यात्रा भत्ता भी ले सकते हैं.
कई राज्यों के विधायक अपनी सैलरी बढ़ाए जाने की मांग कर चुके हैं. हाल ही में तमिलनाडु के विधायकों ने अपने वेतन में भारी वृद्धि का प्रस्ताव पारित किया है जिसे राष्ट्रपति से मंज़ूरी मिलनी बाकी है.
तर्कसंगत कर्नाटक सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत करती है. उम्मीद है कि बाकी राज्य भी इस फ़ैसले से सबक लेंगे और इसे अपने यहां ऐसा ही फ़ैसला लेंगे.
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