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‘मुझे लगता था कि मेरी कभी शादी नहीं हो पाएगी’, अपनी शादी पर बोली एसिड हमले का शिकार लड़की
October 22, 2017
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“मुझे लगता है कि…अगर ये सच है कि जितने सर होते हैं उतने ही अलग–अलग दिमाग़ होते हैं तो ये भी सच है कि जितने दिल होते हैं उतनी ही तरह का प्यार भी होता है– लियो टॉल्सटॉय”
मुंबई में 26 वर्षीय ललिता बेन अपनी शादी के शानदार रिशेप्शन के लिए तैयार हुईं.
‘चमत्कार होते हैं..’ यही वो पहले शब्द थे जो एसिड हमले का सामना कर चुकी ललिता बेन के मुंह से निकले. ललिता ने कभी सोचा नहीं था कि उनकी शादी हो पाएगी.
एसिड हमला
साल 2012 में एक मामूली बहस के बाद ललिता के कज़िन ने उन पर तेज़ाब फेंक दिया था.
ये हमला तब हुआ था जब वो उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में अपनी एक कज़िन की शादी में गईं थीं. ललिता के छोटे भाई और श्याम बाबू के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई. ललिता ने दोनों को थप्पड़ मारकर चुप करा दिया.
अपनी कज़िन की शादी के बाद भी वो आज़मगढ़ में ही रुकी रहीं क्योंकि उनकी शादी भी पांच महीने बाद ही होने वाली थी.
लेकिन शादी से पंद्रह दिन पहले श्याम बाबू ने थप्पड़ का बदला लेने के लिए उनके चेहरे पर तेज़ाब फेंक दिया.
ललिता मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती हुईं जहां उनकी सत्तरह बार सर्जरी की गई. अगले कुछ महीनों में उनकी बारह और सर्जरी होने वाली हैं.
प्यार की कहानी
रविशंकर सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘एक रांग नंबर से मेरे फ़ोन पर मिस काल आई और फिर मेरी ज़िंदगी बदल गई.’
ये मिस काल ललिता ने ही की थी.
रवि ने जब पंद्रह दिन बाद इस नंबर पर काल किया तो दोनों ने बातें करने शुरू कर दीं और प्यार हो गया.
ललिता शुरू में डरी हुईं थीं क्योंकि तेज़ाब हमले ने उनका चेहरा खराब कर दिया था. उन्हें महसूस होता था कि रवि ज़िंदगी में और बेहतर के हक़दार हैं. लेकिन रवि ने उन्हें देखे बिना ही प्यार करना शुरू कर दिया था और बाकी ज़िंदगी उनके साथ बिताने का फैसला कर लिया था.
रवि को लगता था कि चेहरा या रूप मायने नहीं रखता था. तीन महीनों में ही दोनों ने शादी करने का फ़ैसला भी कर लिया.
ऐसे हुई शादी
डीसिलवा टेक्निकल कॉलेज दादर में हुए शादी समारोह में करीब डेढ़ सौ मेहमान शामिल हुए. ललिता ने अपनी शादी में अलंकृत लाल लहंगा पहना.
अभिनेता विवेक ओबराय, कांग्रेस के विधायक नीतीश राणे और मुंबई के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जगन्नाथराव हेगड़े भी शामिल हुए.
शादी का आयोजन एसिड हमलों का शिकार महिलाओं के लिए काम करने वाले संगठन साहस फाउंडेशन ने किया था. ललिता भी इस फाउंडेशन से जुड़ी हुई हैं. उद्यमी महाराष्ट्र के संस्थापक और फाउंडेशन से जुड़े रुशीकेश कदम को जब पता चला कि ललिता आर्थिक तौर पर कमज़ोर हैं तो उन्होंने मदद करने का फ़ैसला लिया.
कदम और उनके साथियों ने खाने, बैंकेट हॉल और साज सज्दा का इंतेज़ाम किया. उन्होंने नवदंपती के लिए हनीमून पैकेज की व्यवस्था भी की है और वो नई दुलहन को पठानी साड़ियां भी देने वाले हैं.
रोटरी क्लब शिवाजी पार्क ने इस जोड़े को पच्चीस हज़ार रुपए की आर्थिक मदद दी है.
फ़ैसन डिज़ाइनर अबू जानी और संदीप खोसला ने शादी में पहनी गई पोशाकों और पंडित की व्यवस्था की. विवेक ओबराय ने इस दंपति को मुंबई में एक फ्लैट दिया है.
हम उम्मीद करते हैं कि ललिता और रविशंकर का प्यार जीवन भर बना रहे और वो सुख–दुख में एक दूसरे के हमेशा साथ रहें.
रविशंकर और लिलता की शादी सच्चे प्यार का उदाहरण हैं. जब दो दिल मिलते है तो बाक़ी चीज़ें मायने नहीं रखती. रवि ने एक बार फिर से इस बात को साबित किया है.
Source: The Indian Express, The Hindu | Image Courtesy: Chirag Wakaskar
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