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यूपीः ये मंत्रियों का अहंकार है या असंवेदनशीलता?
October 30, 2017
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उत्तर प्रदेश के जालौन में यूपी सरकार के एक मंत्री के काफिले की पैंतीस गाड़ियों ने एक किसान की फसल बर्बाद कर दी.
मंत्री जय कुमार सिंह के पैरों में पड़े किसान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं.
अभी दो दिन पहले ही यूपी सरकार के एक और मंत्री के काफिले की कार ने एक आठ साल के बालक को कुचल दिया.
कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर की कारों का काफिला शनिवार रात गोंडा जिले के कर्नलगंज से गुजर रहा था.
काफिले में शामिल एक कार ने बच्चे को टक्कर मार दी. घायल बच्चे को अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई.
हालांकि राजभर का कहना है कि घटना के समय वो दूसरी कार में थे जो दुर्घटनास्थल से पच्चीस किलोमीटर दूर थी.
यूपी सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान भी किया है.
लेकिन सवाल ये उठता है कि यूपी के मंत्री दर्जन भर कारों के साथ क्यों चलते हैं?
एक और प्रधानमंत्री मोदी देश से वीआईपी कल्चर ख़त्म करने के लिए गाड़ियों से लालबत्ती हटवा रहे हैं तो दूसरी ओर मंत्री दर्जन–दर्जन भर कारों के साथ चल रहे हैं.
मंत्रियों के दर्जनों गाड़ियों के काफ़िले बनाकर चलने से वीआईपी कल्चर ख़त्म हो रहा है या बढ़ रहा है?
ये मंत्रियों का अहंकार है या असंवेदनशीलता कि एक ओर वो किसान की फसल पर गाड़िया चढ़वा देते हैं और दूसरी ओर हादसे में बच्चे की मौत हो जाने के बाद पूरी बेशर्मी के साथ कह देते हैं कि वो तो मौके पर थे ही नहीं.
उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री जय कुमार सिंह ने अपनी पैंतीस गाड़ियों का काफिला एक किसान के सरसों के खेत से गुज़ार दिया. किसा…
Posted by तर्कसंगत – Tarksangat on Friday, 27 October 2017
क्या सत्ता में शामिल ऐसे लोगों से जनता के प्रति ज़रा भी संवेदनशीलता दिखाने की उम्मीद की जा सकती है?
बार–बार ये सवाल मन में कौंध रहा है कि ऐसा क्या है कि एक किसान को अपनी फसल बर्बाद हो जाने के बाद मंत्री के पैरों में गिड़गिड़ाकर मुआवज़े की भीख मांगनी पड़ती है?
ऐसा क्यों है कि एक पिता को अपने बच्चे का शव सड़क पर रखकर इंसाफ़ की ग़ुहार लगानी पड़ती है?
हमने क़ानून और इंसाफ़ को इन मंत्रियों के पास कब गिरवी रख दिया?
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