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उंगली काटने वाला बयान देने वाले नित्यानंद ने मांगी माफ़ी
November 21, 2017
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बिहार बीजेपी के अध्यक्ष मोदी की आलोचना में उठने वाली उंगली को काटने के बयान पर माफ़ी मांग ली है.
नित्यानंद राय ने कहा था, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ उठने वाली उंगली को काट दिया जाना चाहिए.”
पटना में कानू जाति के एक सम्मेलन में बोलते हुए राय ने कहा था, “”एक गरीब का बेटा देश का प्रधानमंत्री बना है. देश के एक-एक व्यक्ति को सभी चीजों से ऊपर उठकर उन पर स्वाभिमान होना चाहिए और इसकी कद्र होनी चाहिए. उनकी ओर उठने वाली उंगली और हाथ को हम सब मिलकर या तो तोड़ दें या जरूरत पड़े तो उसे काट दें.”
जब इस बयान की आलोचना होने लगी तो आनंद राय ने माफ़ी मांग ली.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “कल एक कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिये एक बयान के भाव को गलत अर्थों में लिया गया. उस कार्यक्रम में मैंने जो भी बोला वह महज मुहावरे के रूप में प्रयोग किया था. फिर भी यदि उस बयान से किसी की भावना आहत हुई है तो मै इसके लिए खेद प्रकट करता हूँ.”
कल एक कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिये एक बयान के भाव को गलत अर्थों में लिया गया। उस कार्यक्रम में मैंने जो भी बोला वह महज मुहावरे के रूप में प्रयोग किया था। फिर भी यदि उस बयान से किसी की भावना आहत हुई है तो मै इसके लिए खेद प्रकट करता हूँ।
— Nityanand Rai (@nityanandraibjp) November 21, 2017
हम लोकतंत्र में सहमति-असहमति को समभाव में स्वीकार करने में विश्वास रखते हैं। सकारात्मक और विकासोन्मुख नेतृत्व के साथ सहयोग और समर्थन के संदर्भ में मुहावरें के रूप में दिया गया मेरा यह बयान था। मैं एकबार फिर खेद प्रकट करता हूँ।
— Nityanand Rai (@nityanandraibjp) November 21, 2017
बहुत से लोगों ने नित्यानंद राय के बयान को प्रधानमंत्री की आलोचना करने वाले लोगों को धमकी के रूप में देखा है.
नित्यांनद राय भाजपा के सांसद हैं और बीते साल नवंबर में ही बिहार भाजपा के अध्यक्ष बने थे.
नित्यानंद राय अब कह रहे हैं कि उनके बयान का अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए. वैसे आजकल नेताओं के हिंसक बयान देना कोई नई बात नहीं हैं.
सार्वजनिक मंच पर कई नेता हिंसक बयान दे चुके हैं.
सोमवार को ही हरियाणा भाजपा के मीडिया समन्वयक कुंवर सूरजपाल अमु ने दीपिका का सर काटने पर दस करोड़ रुपए का ईनाम देने का ऐलान किया था जिसकी चौतरफ़ा आलोचना हुई है.
हालांकि ऐसा लगता नहीं कि इन नेताओं पर आलोचना का कोई असर होता है.
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