
सप्रेक
सप्रेकः मुंबई के इस युवा ने सोशल मीडिया की मदद से बचाई नन्ही बच्ची की जान
January 3, 2018
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मुंबई के रहने वाले अमान को हमेशा से ही बच्चों से प्यार था. वो जानते हैं कि बच्चों की देखभाल कैसे की जाती है. लेकिन उन्होंने कभी सोचा नहीं होगा कि ज़िंदगी एक दिन उन्हें एक अनजान बच्ची की देखभाल करने का मौका देगी.
वो अपने भाई के साथ शाम को रोज़ की तरह टहल रहे थे. तब उन्होंने एक आवाज़ सुनी. उन्हें लगा जैसे कोई बिल्ली मिमिया रही है. लेकिन वो एक बच्ची को तौलिया में लिपटा देख चौंक गए.
ये बच्ची कूढ़े के ढेर के पास खड़े एक ऑटो में छोड़ दी गई थी. उन्होंने इंतेज़ार किए बिना उसे गोद में उठा लिया. उन्होंने पुलिस को फ़ोन लगाया लेकिन कॉल नहीं लगी.
Found this 3 to 5 day year old kid in closed auto. Please help me guys. I’ve no idea what to do? #help pic.twitter.com/ZBHg8xdLNz
— Aman (@Jugadu_banda) November 19, 2017
उन्होंने अपने ट्विटर पर घटना के बारे में पोस्ट किया. मुंबई पुलिस ने तुरंत जवाब दिया और मदद के लिए मौके पर पहुंची. बच्ची की हालत बिगड़ रही थी. उसे पहले पुलिस स्टेशन और फिर तुरंत अस्पताल ले जाया गया.
अमान कहते हैं, “बच्ची को ऑटोरिक्शा में देखकर मैं चौंक गया. मेरे जीवन में पहले ऐसी घटना नहीं हुई थी. ये घटनाएं तो हिंदी फ़िल्मों में होती हैं.”
स्कूपव्हूप से बात करते हुए अमान ने कहा, “जब मैंने पहले बच्ची के रोने की आवाज़ सुनी तो मुझे लगा कि कोई बिल्ली होगी. मैं जानवरों से प्यार करता हूं इसलिए मैंने उसे देखने का सोचा. लेकिन जब मैंने ऑटो में बच्ची को रखे देखा तो मैं चौंक गया.”
अमान ने जब बच्ची को गोद में उठा लिया तो कई लोग वहां से गुज़रे. कुछ ने उन्हें क़ानूनी लफ़ड़ों के बारे में बताकर डराया भी.
अमान कहते हैं, मैंने उनमें से किसी की बात नहीं सुनी, बच्ची को गोद में उठाए रखा. वो कांप रही थी.
The baby is safe with mumbai Police now I’m in kanjumarg east police station. pic.twitter.com/FM932Xez69
— Aman (@Jugadu_banda) November 19, 2017
इस घटना की वजह से अमान को घऱ पहुंचने में देर हो गई और उनके परिवार के लोग भी उन्हें लेकर चिंतित हो गए. लेकिन जब सबको पता चला तो उन्हें ख़ुशी ही हुई.
इस समय बच्ची का अस्पताल में इलाज चल रहा है और अमान इस बारे में जानकारी लेते रहते हैं. वो हर दिन अस्पताल जाते हैं और पुलिस के साथ मिलकर क़ानूनी ज़िम्मेदारियां भी पूरी करते हैं.
वो कहते हैं, जब बच्ची की तबियत बिलकुल ठीक हो जाएगी तो मैं ये सुनिश्चित करूंगा कि वो किसी सुरक्षित अनाथालय में रहे.
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