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शर्मनाकः ठंड से कांप रही थी मां, बेटे ने उढ़ाया अपना कंबल, दोनों की मौत
January 13, 2018
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उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले की एक ख़बर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि विकास और प्रगति के लाख दावों के बावजूद ज़मीनी हक़ीक़त इतनी भयावह क्यों हैं.
कुशीनगर ज़िले के खड्डा तहसील क्षेत्र का बोझीछपरा गांव में ठंड लगने से मां और बेटे की मौत हो गई.
45 वर्षीय विशुन और उनकी 75 साल की बुज़ुर्ग मां जमुना देवी किसी तरह गुज़र बसर कर रहे थे.
लेकिन ठंड उन पर कहर बनकर आई. घर में ओढ़ने–बिछाने के साधन नहीं थे.
घर में ठंड से बचाव का कोई साधन न होने की वजह से जमुना देवी को ठंड लग गई. मां को ठंड से कांपता देख बेटे ने अपना एकमात्र कंबल मां को उढ़ा दिया और स्वंय ऐसे ही लेट गया.
ना मां ही बच पाई और ना बेटा ही.
बेटे का कंबल ओढ़ने के बावजूद जमना देवी का हलत नहीं सुधरी और उन्होंने दम तोड़ दिया.
उधर बेटा विशुन भी बिना कंबल के ठंड से कांपने लगा. जब पड़ोसियों को इस बारे में पता चला तो वो उनके घर पहुंचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.
पड़ोसियों ने तुरंत आग जलाकर विशुन को गर्माहट देने की कोशिश की लेकिन सब बेकार गया.
ठंड उनके बदन में ऐसी घुसी की जान लेकर ही बाहर निकली.
ठंड से मां बेटे की मौत के बाद ज़िला प्रशासन का कहना है कि जानकारी सही पाए जाने पर मदद की जाएगी.
लेकिन सवाल ये उठता है कि जब मां और बेटे दोनों ने ही दम तोड़ दिया है तो मदद किसकी की जाएगी?
इस घटना के संबंध में स्थानीय अख़बार में प्रकाशित एसडीएम का बयान बताया है कि प्रशासन कितना संवेदना शून्य हो गया है.
एक और प्रदेश सरकार सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े बांटने, रैन बसेरों में इंतेज़ाम करने और अलाव जलाने के प्रबंध करने के दावे कर रही है दूसरी ओर ठंड से लोगों के मरने की ख़बरें लगातार आ रही हैं.
उत्तर प्रदेश में ठंड किस कदर कोप बरपा रही है इसका अंदाज़ा इसी बात से लग जाएगा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ़ शुक्रवार को पूरे प्रदेश में तीस लोगों की मौत ठंड लगने की वजह से हुई है.
वैसे लोग ठंड से नहीं मरते हैं, ठंड से अगर लोग मरते तो अमरीका और कनाडा में महामारी ही आ जाती जहां इस समय पारा शून्य से भी नीचे है.
लोग ठंड से बचने के इंतेज़ाम न होने के वजह से मरते हैं.
Source: Amar Ujala
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