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महानायकः जालंधर नायक ने कुदाल से बना दी आठ किलोमीटर लंबी सड़क
January 13, 2018
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ओडीशा में एक व्यक्ति ने सिर्फ़ कुदाल की मदद से आठ किलोमीटर लंबी सड़क अकेले ही बना दी.
45 वर्षीय जालांधर नायक एक दूरस्थ गांव में रहते हैं. उनके तीनों बच्चे क़रीब दस किलोमीटर दूर एक हॉस्टल में रहकर पढ़ते हैं.
नायक चाहते थे कि उनके बच्चे जल्द–जल्द घर आया करें लेकिन घर की राह दूभर थी क्योंकि उनके गांव तक सड़क ही नहीं थी.
गांव तक पहुंचने के लिए बच्चों को पांच पर्वत पार करने होते और इस सफर में तीन घंटे तक का समय लग जाता.
नायक के प्रयासों के बाद गांव के लिए रास्ता खुलता नज़र आ रहा है. स्थानीय अधिकारियों ने बीबीसी को बताया है कि बची हुई सात किलोमीटर सड़क सरकार बनवा देगी.
नायक बीते दो साल से रोज़ाना सुबह अपनी कुदाल और कुल्हाड़ी लेकर निकलते और रोज़ाना आठ घंटे तक मेहनत करते.
उनकी दो साल की मेहनत के नतीजे में उनका गांव उस क़स्बे के नज़दीक आने लगा जहां हॉस्टल में उनके बच्चे पढ़ते हैं.
नायक ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वो चाहते थे कि सप्ताहांत की छुट्टियों में उनके बच्चे घर आ सकें, इसलिए उन्होंने सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया.
पंद्रह किलोमीटर की ये सड़क उनके गांव और स्कूल वाले कस्बे को सीधे जोड़ देगी और सफर की अवधि काफ़ी कम हो जाएगी.
वहीं सरकारी अधिकारियों का कहना है कि नायक ने सड़क बनाने का जो काम निस्वार्थ किया है उसके लिए उन्हें सरकार भुगतान करेगी.
वहीं नायक का कहना है कि उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से न कोई मदद मांगी है और न ही उन्हें किसी तरह की मदद की पेशकश की गई है.
उन्होंने बताया कि स्थानीय अख़बारें में उनके बारे में ख़बर प्रकाशित होने के बाद ही अधिकारियों को उनके कारनामे के बारे में पता चला है.
यही नहीं जालंधर नायक ने सड़क बनाने में इस बात का भी ख्याल रखा कि एक भी पेड़ न काटना पड़े.
Mountain Man : पहाड़ों को काट पिता ने बच्चों को भेजा स्कूलhttps://t.co/76xZwonpJW#MountainMan #JalandharNayak #Odisha #dashrathmanjhi @CMO_Odisha @Naveen_Odisha pic.twitter.com/ldbPyzXnwh
— Panchayati Times (@panchayatitimes) January 11, 2018
नायक का साक्षात्कार करने वाले एक स्थानीय पत्रकार सिबाशक्ति बिस्वाल का कहना था कि उनकी बनाई सड़क इतनी अच्छी है कि उस पर कारें चल सकती हैं.
जालंधर नायक की कहानी सामने आने के बाद उनकी तुलना दशरथ मांझी से की जा रही है जिन्होंने बिहार में पहाड़ काटकर सड़क बना दी थी.
हम जालंधर नायक के जज़्बे को सलाम करते हैं. यूं तो गांव–गांव तक सड़क बनाना सरकार की प्राथमिकता है लेकिन फिर भी बहुत से गांव आज भी ऐसे हैं जहां तक सड़कें नहीं पहुंच पाई हैं.
उम्मीद है कि ये ख़बर सामने आने के बाद सरकार के प्रयासों में तेज़ी आएगी.
स्रोतः बीबीसी नयूज़
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