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ये अमनपुर है यहां दंगा नहीं होने देंगे, हिंदू बनवाएंगे ईदगाह की दीवार
February 1, 2018
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उत्तर प्रदेश के कासगंज से उठी हिंसा की चिंगारी को कुछ लोगों ने आग बनाने की भरसक कोशिश की लेकिन वो कामयाब नहीं हो सके.
कासगंज से करीब बीस किलोमीटर दूर स्थित कस्बे अमांपुर की ईदगाह की दीवार रात के अंधेरे में तोड़ दी गई.
दंगाइयों ने सोचा था कि इससे भावनाएं भड़केंगी और दंगे की आग इस अमनपसंद क़स्बे को भी जला देगी.
लेकिन ऐसा हुआ नहीं. यहां के लोगों ने समझदारी का परिचय देते हुए घटना के बाद कोई प्रतिक्रिया ही नहीं दी.
अब अमांपुर के हिंदुओं ने फ़ैसले किया है कि वो ईदगाह की तोड़ी गई दीवार बनवाएंगे.
स्थानीय अख़बार अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक क़स्बे के हिंदुओं ने ईदगाह की मरम्मत करवाने का फ़ैसला लिया है.
अमांपुर गांव का पहले अमनपुर ही था लेकिन बाद में बिगड़ते-बिगड़ते यह अमांपुर हो गया.
यही नहीं ईदगाह तोड़े जाने के बाद जब सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मैसेज चलने लगे तब क़स्बे के दोनों वर्गों के लोगों ने मिलकर बैठक की और पुलिस और प्रशासन को भरोसा दिया कि हालात बिगड़ने नहीं दिए जाएंगे.
हिंदू समुदाय ने ईदगाह की मरम्मत करवाने का प्रस्ताव दिया जिसे मुसलमानों ने स्वीकार कर लिया.
उत्तर प्रदेश के कासगंज में 26 जनवरी को निकाली जा रही तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा हो गई थी जिसमें चंदन गुप्ता नाम के एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी.
इस घटना की प्रतिक्रिया में कई धार्मिक स्थलों को आग लगा दी गई थी और वाहनों और घरों में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी.
प्रशासन ने घटना के बाद से सौ से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया है जबकि सात सौ से अधिक पर मुक़दमे दर्ज किए हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार ने चंदन गुप्ता के परिवार को बीस लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी है.
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