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देश में अजीब पागलपन चल रहा है, मूर्तियों पर गुस्सा उतर रहा है
March 7, 2018
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देश में एक अलग क़िस्म का पागलपन चल रहा है. त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़ दी गई.
तमिलनाडु में पेरियार की मूर्ति से छेड़छाड़ की गई. यही पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति के साथ हुआ.
यूपी के मेरठ में संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की मूर्ति खंडित की गई.
और चैन्नई में तो हद ही हो गई. शरारती तत्वों के एक समूह ने मंदिर के पास दस लोगों के जनेऊ ही काट दिए.
जनेऊ वो पवित्र धागा होता है जिसे ब्राह्मण धारण करते हैं.
चैन्नई पुलिस के मुताबिक घटना ट्रिप्लीकेन में मंदिर परिसर के पास सुबह सात बजे के क़रीब हुई.
जिन लोगों के जनेऊ काटे गए वो सभी अर्धनग्न थे. ये लोग मंदिर में पूजा कर लौट रहे थे.
जनेऊ काटने वाले समूह के युवाओं ने पेरियार के समर्थन में नारे लगाए.
पुलिस के मुताबिक हमला करने वालों की खोजबीन की जा रही है.
Dr BR Ambedkar's statue vandalised by unidentified people in Meerut's Mawana late last night; Dalit community held protest & blocked traffic in the morning, ended the protest after assurance from the administration of installation of new statue pic.twitter.com/DAAcq6g5Wf
— ANI UP (@ANINewsUP) March 7, 2018
तमिलनाडु में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव एच राजा के एक बयान की तीखी प्रतिक्रिया हुई है.
त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने के बाद एच राजा ने फ़ेसबुक पर लिखा था कि अब पेरियार की मूर्तियों की बारी है.
उनके बयान के बाद चैन्नई से क़रीब 130 किलोमीटर दूर वैल्लोर में पेरियार की एक मूर्ति खंडित कर दी गई थी जिसके बाद तनाव व्याप्त हो गया है.
इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन घटनाओं की आलोचना करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा है.
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से ऐसी घटनाओं से सख़्ती से निबटने के लिए कहा है.
Statue of Shri Shyama Prasad Mukherjee has been damaged in Kolkata by some Jadhavpur Univ students the report says..
Lots of noise on foreigner #LeninStatue but #MamtaBanerjee , #Communist & other r mum on Mukherjee Status vandalism who was local hero.
Why? Shame on ur ideology.. pic.twitter.com/w43VYjx8Jl— khemchand sharma (@SharmaKhemchand) March 7, 2018
ये पागलपन त्रिपुरा में भाजपा की जीत के साथ शुरू हुआ जब जश्न मना रहे लोगों ने लेनिन की मूर्ति को बुलडोज़र से तोड़ दिया.
ये सिर्फ़ किसी विचार के प्रति असहमति का प्रतीक नहीं है बल्कि दूसरे मत या विचार के लोगों के प्रति मन में पनप रही नफ़रत को दर्शाता है.
ये कई संस्कृतियों और विचारों के संगम देश भारत के लिए ख़तरनाक संकेत है.
ये पागलपन जहां से शुरू हुआ है वहीं से रुकना चाहिए. अमित शाह को हिम्मत दिखाकर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को डांट लगानी चाहिए और ऐसी घटनाएं न हो इसके लिए सख़्त संदेश देना चाहिए.
अमित शाह भाजपा के कार्यकर्ताओं को फटकार लगाएंगे तो बाकी दल के नेता भी अपने-अपने कार्यकर्ताओं की लगाम कसेंगे.
और अगर ये पागलपन नहीं रोका गया तो हिंसा के इस दौर में मूर्तियों के बजाए जीते-जागते लोग चपेट में आने लगेंगे.
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