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शिलांग हिंसाः सेना का फ्लेग मार्च, कर्फ्यू लगा, इंटरनेट बंद
June 2, 2018
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मेघालय की राजधानी शिलांग में तनावपूर्ण माहौल के बीच सेना ने फ्लैग मार्च किया है.
हालात नियंत्रण में होने तक शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.
शहर के कई इलाक़ों में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है.
सेना ने क़रीब पांच सौ लोगों को सुरक्षित निकाला है जिनमें दो सौ महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. इन लोगों को कैंट क्षेत्र में लाया गया है.
इससे पहले शुक्रवार रात शहर के अलग-अलग हिस्सों में रह रहकर हिंसा होती रही. भीड़ ने दुकान और मकान समेत कम से कम पांच वाहनों में आग भी लगा दी.
Sikh women and kids taking shelter at Army camp.
Shillong doing a 1984? @SangmaConrad @BJP4Meghalaya shame on your govt! pic.twitter.com/B5QKZsQatb— NoToSilence (@akdwaaz) June 2, 2018
हिंसा में अब तक कम से कम दस लोग घायल हुए हैं जिनमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.
शहर के एक इलाक़े में पुलिस पर पत्थरबाज़ी होने के बाद हालात और ख़राब हो गए.
गुरुवार सुबह एक महिला से नोकझोंक होने के बाद सरकारी बस में यात्रा कर रहे एक लड़के के साथ थेम इयू मावलांग इलाक़े के लोगों ने मारपीट की. इस बस का ड्राइवर लड़के का रिश्तेदार ही था.
कुछ लोगों का कहना है कि नोकझोंक बस को गलत तरीके से पार्क किए जाने को लेकर शुरु हुई थी. बस की वजह से सार्वजनिक नल का रास्ता बंद हो गया था.
हालात तब ख़राब हो गए जब बाद में बस ड्राइवरों और स्थानीय लोगों के समूह ने बदला लेने के लिए इस इलाक़े के लोगों पर हमला किया.
Retweeted PRO Defence Meghalaya (@proshillong):#ArmyAsLastBastion Army rescues over 300 people including 200 women and children from riot affected areas of Shillong @adgpi @easterncomd @PIBShillong @DefenceMinIndia @nsitharaman @SpokespersonMoD pic.twitter.com/FRIfWLjT9h
— Vikram Waman Karve (@vikramwkarve) June 2, 2018
पुलिस का कहना है कि ये एक मामूली घटना था जिसे तुरंत नियंत्रण में ले लिया गया था.
लोगों को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे लेकिन शहर के दूसरे हिस्सों के लोगों ने इसे पुलिस की ओर की गई गोलीबारी समझ लिया.
शुक्रवार सुबह द इस्ट खासी हिल्स ज़िला प्रशासन ने 14 क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया.
पुलिस ने जब एक समुदाय के युवाओं को दूसरे समुदाय के युवाओं पर हमला करने से रोका तो पुलिस पर भी पेट्रोल बमों से हमला किया गया.
पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर तीन लोगों की मौत की अफ़वाह फैला दी गई थी जिसके बाद हालात बिगड़ते चले गए.
पुलिस का कहना है कि हिंसा के मामलों में अब तक कम से कम दस लोग गिरफ़्तार किए गए हैं जिनके पास से पेट्रोल बम और धारधार हथियार बरामद हुए हैं.
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