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भाजपा विधायक बोले वेश्याएं अधिकारियों से अच्छी होती हैं क्योंकि…
June 6, 2018
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उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि वेश्याएं अधिकारियों से बेहतर होती हैं.
इससे एक दिन पहले ही विधायक सुरेंद्र सिंह ने अपने समर्थकों से कहा था कि जो घूस मांगे उसे घूंसा दो.
मंगलवार को दिए एक बयान में सुरेंद्र सिंह ने कहा, “अधिकारी से अच्छा चरित्र वेश्याओं का होता है वो पैसे लेकर कम से कम अपना काम तो करती हैं और मंच पर नाचती हैं. पर ये अधिकारी तो पैसा लेकर भी आपका काम करेंगे या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है.”
विधायक जनता के प्रतिनिधी होते हैं और विधानसभा में बैठकर प्रदेश के लिए क़ानून बनाते हैं.
इन्हीं क़ानूनों से प्रशासन और समाज चलता है.
इस तरह के बयान देने वाले विधायक कैसे क़ानून बनाएंगे इसका अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है.
हाल के महीनों में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के एक के बाद एक विवादित और बेवकूफाना बयान देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहना पड़ा था कि हम गलतियां करते हैं और मीडिया को मसाला मिल जाता है.
नेताओं को चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि ज़रूरत से ज़्यादा न बोलें, इससे पार्टी की छवि को नुक़सान पहुंचता है.
लेकिन सुरेंद्र सिंह जैसे नेताओं के बयान बताते हैं कि उन पर प्रधानमंत्री की नसीहत का भी कोई असर नहीं होता.
इसी महीने दिए एक बयान में सुरेंद्र सिंह ने मोबाइल फोन और परिजनों को लड़कियों से बलात्कार की वजह बताया था.
उन्होंने तो ये तक कह दिया था कि कोई भी तीन बच्चों की मां से बलात्कार नहीं करेगा.
वेश्यावृत्ति एक पेशा है. भारत में ग़ैर क़ानूनी होने के बावजूद बहुत सी महिलाएं इस पेशे में लिप्त हैं.
दुनिया के कई हिस्सों में वेश्यावृत्ति को एक काम के तौर पर स्वीकार किया गया है लेकिन भारत में इसे लेकर लोगों की मानसिकता बहुत नकारात्मक है.
पैसों के बदले सेक्स करने वाली या मंचों पर नाचने वाली महिलाओं को आम तौर पर चरित्रहीन मान लिया जाता है.
ये अफ़सोस की बात है कि भारत में चरित्र को सिर्फ़ यौन व्यवहार से ही जोड़कर देखा जाता है.
सुरेंद्र सिंह जैसे लोग स्वच्छंद विचार की महिलाओं को चरित्रहीन मान लेते हैं.
और ऐसा करने वाले सुरेंद्र सिंह अकेले नहीं हैं. ये विचार कहीं हद तक हमारे समाज की सामूहिक सोच का हिस्सा है.
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