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उप्र : आईपीएस अधिकारी ने रिटायरमेंट के बाद के लिए आदित्यनाथ से मांगी नौकरी और बीजेपी के लिए प्रचार करने की इच्छा जताई
August 30, 2018
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उत्तर प्रदेश सरकार के एक आईपीएस अधिकारी, जो इस महीने सेवानिवृत्त होने के लिए तैयार है, उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है जहां उन्होंने कथित तौर पर 2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के लिए सक्रिय रूप से प्रचार करने की पेशकश की है। इसके अलावा, ‘लीक’ पत्र में, उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद भी खुद की नौकरी के लिए चार विकल्प सूचीबद्ध किए हैं।
आईपीएस अधिकारी ने सीएम को लिखा पत्र
23 जुलाई को लिखा गया पत्र, सूर्य कुमार शुक्ला ने लिखा था, जो होम गार्ड के महानिदेशक हैं। शुक्ला 1982-बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जो 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने के लिए तैयार हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की सूचना के अनुसार पत्र में, जिसमें से एक प्रति पीटीआई के साथ है, उन्होंने लिखा कि राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष, राज्य समाज कल्याण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पद रिक्त हैं और अपनी सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने इनमें से किसी एक के लिए नियुक्ति की मांग की।
उन्होंने पत्र में लिखा, “मुझे पता चला है कि आपकी सरकार के तहत ये पद वर्तमान में रिक्त हैं। अगर मुझे इनमें से किसी भी पोस्ट पर नियुक्त किया गया, तो मैं आपके लिए सक्रिय रूप से योगदान करने की स्थिति में रहूँगा क्योंकि यह मुझे सरकारी अतिथि घरों में यात्रा के दौरान रहने में सुविधा प्रदान करेगा। “
इसके अलावा, पत्र में, उन्होंने योगी आदित्यनाथ को उनके “मार्गदर्शक” (गाइड) और ‘आदर्श’ (भूमिका मॉडल) के रूप में संबोधित किया। द हिंदू अखबार के अनुसार, शुक्ला ने यह भी लिखा कि भाजपा के कार्यों और विचारधारा में उनकी पूर्ण प्रतिबद्धता और विश्वास है। उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों में काम करने के अनुभव को एक अतिरिक्त योग्यता के रूप में काम उल्लेख किया।
शुक्ला के अनुसार इसमें कुछ गलत नहीं
एक ओर जहाँ इस पत्र के लीक होने से लोग हैरान हैं वहीं एडीजी के लिए इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मेरे पास सेवा में केवल कुछ दिन शेष हैं … अगर कोई राजनीति और समाज में योगदान देने के बारे में बात करता है तो उसके बाद क्या गलत है।” हालांकि, सेवानिवृत्त आईजी एसआर दरपुरी ने कहा कि इस तरह के पत्र लिखते समय सेवा अवधि अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है और शुक्ला को इसके लिए दंडित करने की आवश्यकता है।
यह पहली बार नहीं है कि शुक्ला एक विवाद के लिए लाईमलाईट में आ रहे हैं। इससे पहले, फरवरी में, अयोध्या में राम मंदिर के शुरुआती निर्माण के लिए शुक्ला के प्रतिज्ञा लेने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल चला गया था। यह घटना लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित राम मंदिर मुद्दे पर एक समारोह में हुई थी।
र्तकसंगत का र्तक
इस मामले का अंतर्निहित तथ्य यह है कि कुछ वरिष्ठ अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद सत्ताधारी पार्टी के साथ बेहतर तालमेल मिलाकर अच्छी नियुक्ति पाने की लालसा रखते हैं । हालांकि, एक सेवारत आईपीएस अधिकारी द्वारा यह स्पष्ट ‘अनुरोध’ चौंकाने वाला है। उसमें जोड़ने के लिए, उन्होंने पोस्ट भी सूचीबद्ध किए हैं जिनके लिए उन्हें लगता है कि वह उपयुक्त हैं । एक प्रशासनिक कर्मचारी की भूमिका जनता की सेवा करना है न की सत्ता में पार्टी की सेवा करना । हमें उम्मीद है कि अधिकारी के खिलाफ आचरण नियमों का उल्लंघन करने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।
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