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रघुराम राजन, मनमोहन सिंह ने उर्जित पटेल के इस्तीफ़े को देश की अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक बताया
Image Credits: Live Hindustan, Udayvani,Tej Khabar
December 12, 2018
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11 दिसंबर को, एक अप्रत्याशित कदम में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया। पटेल 1992 के बाद से ऐसे पहले गवर्नर बने जो सबसे कम समय के लिए आरबीआई गवर्नर के पद पर रहे। भारत के केंद्रीय बैंकिंग संस्थान में यह “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” और देश की अर्थव्यवस्था के लिए “गंभीर झटके ” के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच, पटेल के इस्तीफ़े के एक दिन बाद, बिजनेस टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रुपया शेयर बाजार में कमज़ोर हो गया है।
आरबीआई और सरकार के साथ चल रहे संघर्ष के बीच रिजर्व बैंक बोर्ड की बैठक से सिर्फ चार दिन पहले, केन्या में जन्मे, पटेल (55), ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। हालाँकि,टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार पटेल के सहयोगी कहते हैं कि यह “व्यक्तिगत कारणों” से कुछ ज़्यादा है।
द टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए, नाम न छापने की शर्त पर पटेल के करीबी लोगों में से एक ने कहा, “वह (पटेल) स्पष्ट रूप से जानते थे कि और वह चाहते भी नहीं थे कि सितम्बर में उनके कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें एक्सटेंशन मिलेगा। समय से पहले पद छोड़ना उनके लिए नुकसानदायक नहीं था। साथ ही, उन्होंने महसूस किया कि सरकार आरबीआई की स्वायत्तता को कमजोर करने के काफ़ी दबाव भी डाल रही है। अज्ञात सूत्रों ने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों में पटेल पर तनाव बढ़ रहा था, जो उनके स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहा था, और संभवतः, जिसने पटेल को सोचने पर मज़बूर किया कि क्या इतना दबाव लेना सही है भी या नहीं।
“गंभीर चिंता का मामला”: रघुराम राजन
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के उत्तराधिकारी पटेल को 2016 में नोटबंदी से पहले मोदी सरकार द्वारा गवर्नर नियुक्त किया गया था, रघुराम राजन ने तब घोषणा की थी कि वह अपना दूसरा कार्यकाल नहीं दोहराना चाहते।
पटेल के इस्तीफे के तुरंत बाद, राजन ने कहा कि आरबीआई से पटेल का का निकलना एक गंभीर चिंता का विषय है।
इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “मुझे लगता है कि डॉ पटेल ने अपने इस्तीफ़े के साथ एक छाप छोड़ी है और एक सिविल सर्वेंट के लिए अपनी बात कहने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि उनके इस फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए”। राजन ने कहा कि पटेल के इस्तीफ़े में ऐसा कुछ है जिससे भारतियों को चिंतित होना चाहिए, उन्होनें आगे कहा कि अर्थव्यवस्था के विकास और इक्विटी के लिए भारत के संस्थानों की ताकत और स्वतंत्रता वास्तव में महत्वपूर्ण है।
उन्होंने आगे कहा कि “हमें इस घटना पर गौर करना चाहिए” और यह पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए कि ऐसी क्या बाधा थी, जिसने पटेल को अपना अंतिम निर्णय लेने के लिए मजबूर किया।
वीरप्पा मोइली का कहना है कि पटेल तनाव में थे
पटेल के इस्तीफे के बाद, कई बड़े दल ने आरबीआई की वर्तमान स्थिति के बारे में अपनी चिंताओं को उठाया। घटना पर टिप्पणी करते हुए, पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और वित्त पर संसदीय स्थायी समिति के वर्तमान अध्यक्ष एम.वीरप्पा मोइली ने कहा कि पिछले महीने के पैनल में पटेल बहुत दबाव में लग रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वह उम्मीद कर रहे थे कि “सज्जन अर्थशास्त्री” जल्द ही इस्तीफा दे देंगे, क्योंकि बीजेपी सरकार संस्थान की स्वायत्तता को कम करने की कोशिश कर रही थी।
इसे एक न रोके जाने वाला कदम कहते हुए, मोइली ने यह भी कहा, “यह सरकार (बीजेपी) सभी प्रकार के दबाव आरबीआई के ऊपर डाल रही है और इसके काम करने के तरीके के साथ इसके स्वायत्ता और स्वतंत्रता में भी हस्तक्षेप कर रही है”।
द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा रिपोर्ट के अनुसार इसके अलावा, मोइली ने कहा, “यह एक टाइम टेस्टेड संस्थान है जिसने वास्तव में अर्थव्यवस्था को अच्छी तरह से अपनी सेवा दी है”।
अतीत में, कई रिपोर्टें हुई हैं जो दावा करती हैं कि मोदी सरकार और आरबीआई के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं पब्लिक सेक्टर बैंक रेगुलेशन, डिस्ट्रेस्सेड एसेट्स के रिज़ोलुशन का मामला हो और केंद्रीय बैंक के भंडार जैसे विभिन्न मुद्दों हों यह सब कुछ जनता के सामने जाहिर थे।
मनमोहन सिंह इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहते हैं
आरबीआई और सरकार के संबंध और पटेल के इस्तीफे के बारे में चिंतित अटकलों पर प्रतिक्रिया करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि “यह अच्छी ख़बर नहीं है”। उन्होंने इस घटना को “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” कहा और यह भी कहा कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए “गंभीर झटका” होगा।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार हालाँकि, वह उम्मीद करते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के अचानक इस्तीफा मोदी सरकार के भारत की 3 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के संस्थागत नींव को “नष्ट” करने का प्रयास नहीं है।
आरबीआई में सोमवार को इस घटने के तुरंत बाद, पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली दोनों ने उर्जित पटेल द्वारा दी गयी सेवाओं को सराहा।
Dr. Urjit Patel is a thorough professional with impeccable integrity. He has been in the Reserve Bank of India for about 6 years as Deputy Governor and Governor. He leaves behind a great legacy. We will miss him immensely.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2018
Dr Urjit Patel is an economist of a very high calibre with a deep and insightful understanding of macro-economic issues. He steered the banking system from chaos to order and ensured discipline. Under his leadership, the RBI brought financial stability.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2018
The Government acknowledges with deep sense of appreciation the services rendered by Dr. Urjit Patel to this country both in his capacity as the Governor and the Deputy Governor of The RBI. It was a pleasure for me to deal with him and benefit from his scholarship. (1/2)
— Arun Jaitley (@arunjaitley) December 10, 2018
इस बीच, बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पटेल के कदम इस उठाने की आलोचना की और मोदी सरकार के लिए इसे बुरा बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को छोड़ने से रोकना चाहिए और कहा कि पटेल का इस्तीफा इस समय सरकार, अर्थव्यवस्था और संस्थान के लिए गलत होगा।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा “इस समय उनका इस्तीफा सरकार, अर्थव्यवस्था और आरबीआई के लिए गलत होगा। प्रधानमंत्री को उन्हें फोन करना चाहिए और पता करना चाहिए कि व्यक्तिगत कारण क्या हो सकते हैं और वह उन्हें छोड़ने से रोक सकते हैं। मुझे लगता है कि पीएम इस वक़्त यही करना चाहिए”।
रुपया में गिरावट
उर्जित पटेल का इस्तीफ़ा संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले और 11 दिसंबर को होने वाले पाँच विधानसभा परिणामों के नतीजों से पहले सोमवार को आया था। पटेल के कदम से बाजार में रूपये में गिरावट देखि गयी। बिजनेस टाइम्स के अनुसार, मंगलवार को, रुपया व्यापार में कम हो गया। शुरुआती कारोबार में रुपया 114 पैसे गिरकर 72.46 हो गया। 10 दिसंबर को रुपया डॉलर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 71.32 के स्तर के करीब था।
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