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मुंबई अस्पताल हादसा: इस डिलीवरी बॉय को सब कर रहे हैं सलाम
Image Credits: Times Of India
December 20, 2018
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17 दिसंबर को अंधेरी (पूर्व) में मुंबई के कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पताल में आग लगी थी। इसमें कुल अभी तक 8 लोगों की जान जा चुकी है – दो महीने के बच्चे सहित दूसरे लोगों की बड़ी ही भयावह स्थिति में जान चली गयी। उस समय जब आग अस्पताल की इमारत को घेर रही थी, कुछ साहसी लोगों ने अस्पताल से लोगों को बचा कर निकाला।
तर्कसंगत से बात करते हुए अस्पताल के एक कर्मचारी विशाल नायक ने कहा कि “यह अच्छा था कि कुछ लोग अपने जीवन के बारे में सोचे बिना दूसरों की मदद करने के लिए आगे बढ़े अगर वे लोग सही समय पर नहीं आते तो मरने वालों की संख्या अधिक होती”|
ऐसे ही कुछ बहादुर लोगों में से एक हैं, 20 वर्षीय स्विगी डिलीवरी बॉय, सिद्धू ह्यूमनबाडे, इन्होने अपने दिन की शुरुआत किसी और दिन की तरह ही की थी, यह सोचकर कि उस दिन के टारगेट को पूरा करेंगे, हालांकि, जब वह मारोल, अंधेरी (पूर्व) क्षेत्र में अपने डिलिवरी स्पॉट् पर पहुंचे, तो उन्होंने अस्पताल की इमारत से धुआं उठते देखा, दसवीं पास, सिद्धू, बिना कोई समय गंवाए लोगों की जान बचाने के काम में लग गए|
टाइम्स ऑफ इंडिया से उन्होनें कहा “मैंने एक बुजुर्ग महिला के लिए तीसरी मंजिल वाली खिड़की के किनारों पर सीढ़ी रखी, नीचे उतरने के लिए , लेकिन सीढ़ी पर पहुंचने के बाद ही वह गिर गई।” सिद्धू ने कहा, “मैं कुछ भी नहीं कर सकता था क्योंकि वह नीचे गिर गई थी।”
सिंधु कम से कम दस लोगों की जान बचाने में कामयाब रहे। हालांकि, उन्होंने खेद व्यक्त किया कि उनके प्रयासों के बाद भी कुछ ऐसे लोग थे जिनको, वह बचा नहीं सके। घटना का वर्णन करते हुए, उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश, मैं जिनकी मदद कर रहा था उसमें से दो लोग सीढ़ी से निचे गिर गए।”
प्रत्यक्षदर्शीयों के अनुसार, अस्पताल का मुख्य द्वार धुएँ से ढक चूका था। अस्पताल के अंदर रहने वाले लोगों को परिसर छोड़ने में समस्याएं आ रहीं थीं। लेकिन, सिद्धू ने अपनी जान की परवाह नहीं की, जैसे ही उन्होंने लोगों की चीखें सुनी, वह बस उन्हें बचाने के लिए अस्पताल के अंदर दौड़ पड़े।
घटना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को परेशानी में दूसरों की मदद करनी चाहिए, मदद करने के लिए डरने का कोई सवाल नहीं है। सिधु पाँच मंज़िले तक फायरफाइटर्स के साथ उनकी सीढ़ी के सहारे चढ़े। उन्होने पत्थर से शीशा तोड़कर लोगों को बहार निकाला।
तीन घंटों तक, सिद्धू ने अन्य फायरमैन के साथ बचाव अभियान में मदद की। इसके बाद , सिद्धू ने छाती में दर्द की शिकायत की।
सिद्धू ने कहा कि वह रुमाल अपने चहरे पर बांधना चाह रहा था मगर बचाव कार्य में वह कहीं खो गया था|
इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने आकर उन्हें देखा और बताया कि वह ठीक हो जायेंगे| सिद्धू की बहादुरी की कई लोगों ने तारीफ़ की|
#Swiggy Delivery boy Mr. Siddhu saved 6 lives in today's fire at – Andheri Mumbai. Appreciated by Honourable Health Minister of Maharashtra.
Posted by Anurag Gupta on Monday, 17 December 2018
तर्कसंगत सिद्धू की बहादुरी पर उन्हें शुभकामनाएं देता है, उन्होनें अपनी जान की परवाह किये बगैर दूसरों की जान बचायी और ज़्यादा से ज़्यादा जान की क्षति होने से रोका|
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