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नोएडा नमाज़ विवाद: तीन निजी कंपनियों ने शुक्रवार की नमाज़ के लिए मुस्लिम कर्मचारियों को जगह दिलाई
Image Credits: Hindustan Times
January 3, 2019
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21 दिसंबर को, नोएडा सेक्टर 58 में पुलिस ने मुसलमानों को पब्लिक पार्क में जमा हो कर नमाज़ पढ़ने पर रोक लगा दी थी. इस क्षेत्र की तीन निजी कंपनियों ने शुक्रवार की नमाज़ के लिए अपने कर्मचारियों के लिए जगह दिलाई.
“सार्वजनिक स्थानों पर कोई धार्मिक गतिविधियाँ नहीं”
एचसीएल सहित कम से कम 12 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने यूपी पुलिस से एक नोटिस प्राप्त किया, जिसमें कहा गया था, “किसी को भी पार्क में शुक्रवार की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं है.” आगे, नोटिस में दावा किया गया है कि यदि उनके कर्मचारी ऐसा ही करते नजर आएंगे, तो कंपनी की ज़िम्मेदारी होगी. जनता के आक्रोश के बाद, गौतम बुद्ध नगर के डीएम बीएन सिंह, ने कहा कि कंपनियों को उनके कर्मचारियों की धार्मिक मान्यताओं के लिए जिम्मेदार नहीं माना जाना चाहिए था. उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन कंपनियों से बात करेगा और उनकी शंकाओं को दूर करेगा.”
सार्वजनिक स्थल पर नोएडा पुलिस के “धार्मिक गतिविधियों” को प्रतिबंधित करने के आदेश के तुरंत बाद, एक ही सेक्टर की तीन फर्मों ने अपनी छतों को खोलकर मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज़ पढ़ने की अनुमति दी.
नोटिस के बाद, शुक्रवार को सेक्टर 58 के अधिकांश मुस्लिम कर्मचारी नमाज़ के लिए पास के मकबरे में गए थे. एनडीटीवी से बात करते हुए, सेक्टर 58 के स्थानीय लोगों ने नमाज़ की जगह में बदलाव के कारण होने वाली असुविधा के बारे में बताया, हालांकि, स्थानीय लोगों ने कहा है कि वे पुलिस के निर्देशों का पालन करेंगे.
Noida: Police have issued a notice asking companies to ensure that no religious activities are carried out in a park in Sec-58 by their employees, that includes Friday namaz.Notice also states that companies will be held responsible if employees are found offering namaz in parks. pic.twitter.com/MY9PqzuDQk
— ANI (@ANI) December 25, 2018
कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए छत खोल दी
इस बीच, कुछ कंपनियों ने अब अपने कर्मचारियों को अपने ऑफिस में ही नमाज़ पढ़ने की अनुमति दे दी है. हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए, सेक्टर 58 स्थित एक होजरी कंपनी के मालिक ने कहा कि उनकी कंपनी में उनके मुस्लिम कर्मचारियों के लिए पिछले 12 वर्षों से कार्यालय में नमाज अदा करने की व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि एक इमाम जो कुरान का पाठ करता है, उसकी भी व्यवस्था अपने कर्मचारियों के लिए की गई है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को, कम से कम 70 लोगों ने अपने दोपहर की नमाज को ऑफिस की छत पर पढ़ा, इमाम मोहम्मद अब्बास ने कुरान से छंद का पाठ किया. इमाम ने कहा कि कंपनी के मालिक ने कंपनी के हिंदू कर्मचारियों के लिए एक पुजारी की व्यवस्था भी की है.
पिछले हफ्ते आए नोटिस को विपक्ष और अन्य लोगों की काफी आलोचना मिली है. एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी पुलिस के कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी कर्मचारी के व्यक्तिगत मान्यता के लिए एमएनसी कंपनी को कैसे उत्तरदायी ठहराया जा सकता है?
UP Cops literally showered petals for Kanwariyas, but namaz once a week can mean “disrupting peace & harmony”. This is telling Muslims: aap kuch bhi karlo, ghalti to aapki hi hogi.
Also, by law, how does one hold an MNC liable for what their employees do in individual capacity? https://t.co/b90Jw5ZMHY
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 25, 2018
What a secular country? Muslims are not even allowed to pray in public parks, while Hindus can put their Gods in government offices! https://t.co/YFCFxsFSV0
— Ashok Swain (@ashoswai) December 25, 2018
एनडीटीवी के सूत्रों के अनुसार, कुछ हिंदू समूहों द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नोएडा को शिकायत किए जाने के बाद कंपनियों को नोटिस जारी किया गया था. कथित तौर पर, समूह ने दावा किया था कि खुले में नमाज की पेशकश करना “सद्भाव को बाधित करता है”.
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