
ख़बरें
स्टैंड-अप कॉमेडियन ने मेघालय की खनन त्रासदी को उजागर करने के लिए बिना श्रोता के कार्यक्रम किया
Image Credits: The Indian Express
January 15, 2019
SHARES
13 दिसंबर को, मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल जिले में स्थित एक कोयला खदान में कम से कम 15 खनिक फंस गए. तब से, एक महीने पूरे होने के बाद भी, बचाव अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है. 15 खनिक के अब मारे जाने की आशंका जताई जा रही है, परिवार मदद के लिए रो रहे हैं और उनमें से कई अपने प्रियजनों को देखने की उम्मीद भी खो चुके हैं.
कॉमेडियन अभिनीत मिश्रा के स्टैंड-अप शो (कॉमेडी नहीं) के शुरू होने से पहले डिस्क्लेमर आता है, (If this comes as news to you, you are not alone) अगर आपको यह खबर लगती है, तो आप अकेले नहीं हैं. स्टैंडअप कॉमेडियन इस कार्यक्रम को बिना किसी श्रोता के एक खाली कमरे में शूट करते हैं यह दिखाने के लिए कि हमारी मीडिया और सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के त्रासदी के तरफ कितना ध्यान देती है.
ऐसी कहानी जिसे कोई नहीं सुनना चाहता
छह मिनट के लंबे वीडियो में, मिश्रा उस खनन त्रासदी के बारे में बात करते हैं जो हाल ही में मेघालय में हुई थी. राज्य के प्रति भारतीय मीडिया की उपेक्षा को इंगित करते हुए. कॉमेडियन कहते हैं, “हमारा मीडिया राहुल गांधी के बारे में मोहित है, जैसे की मोदीजी को राहुल बाबा ने आँख मारी, मोदीजी को गले लगाया.”
मेघालय के एक मूल निवासी, मिश्रा ने एक खाली क्लब में ये बात उजागर करने की कोशिश कि कैसे पूर्वोत्तर राज्यों में मिश्रा की तरह बताने के लिए कई कहानियां हो सकती हैं लेकिन उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है.
कॉमेडियन तेज़ रेलगाड़ी लाने वाली सरकार की परियोजना की आलोचना करते हैं, और कहते हैं कि ऐसे समय में अच्छे क्वालिटी वाले वॉटर पंप प्राप्त करने में विफल हैं. वह इस बात पर ज़ोर देते हैं कि दिल्ली से मेघालय तक 10 उच्च क्षमता वाले पानी के पंपों को लाने में 15 दिनों की देरी कैसे हुई, जिससे श्रमिकों को बिना भोजन, फर्स्ट-एड और प्रकाश के उस खदान में छोड़ दिया गया.
बुलेट ट्रेन और मूर्तियों का क्या मतलब है?
वह सरकार से पूछते हैं कि 200 फुट ऊंची मूर्तियों (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ओर इशारा करते हुए) के लिए प्रौद्योगिकी और संसाधन होने का क्या मतलब है जब आप (सरकार) जमीन से 300 फीट नीचे फंसे लोगों को बचा नहीं सकते.”
मिश्रा असहाय और दुखी पिता के बारे में भी बात करते हैं, जो अपने बेटे की तलाश के लिए 380 फुट कोयले की खदान में जाना चाहते हैं, जो 13 दिसंबर को खदान में फंस गया था. मिश्रा का कहना है कि गरीब पिता असहाय होने के कारण ऐसा करना चाहता है. वह खुद को चारों ओर से मायूसी से घिरा हुआ पाता है.
बहुतों ने सराहना की
मिश्रा के सेट का वीडियो 6 जनवरी को यू ट्यूब पर डाला गया था और तब से इसे 48,000 से अधिक बार देखा गया है. कॉमेडियन ने फेसबुक पर भी वीडियो पोस्ट किया, एक कैप्शन के साथ, “यहां कोई कॉमेडी नहीं है, कोई मजाक नहीं है। यदि आप हास्य की तलाश कर रहे हैं, तो मेघालय में कोयला खदान में फंसे 15 खनिकों को बचाने के लिए बचाव मिशन पर के बारे में पढ़ें. मैं एक पेशेवर कॉमिक हूं, जो चुटकुले लिख सकता है। लेकिन, राष्ट्रीय मीडिया और हमारे राजनेताओं द्वारा सरकार और विपक्ष में लिखे गए लोगों से बेहतर नहीं लिख सकता. हम बेहतर कर सकते थे.”
कई लोगों ने मिश्रा के प्रयास की सराहना की और राज्य की उपेक्षा के लिए मीडिया और मेघालय सरकार की आलोचना की.
Comedian Does Stand-Up on Meghalaya Mine Tragedy; It's Not Funny pic.twitter.com/oeYm4JdQgb
— Gurpreet Singh (@Gurpree46492633) January 9, 2019
Shame on u CM @sarbanandsonwal , Pl learn frm Meghalaya, stand up on ur feet. We didn't expect u to crawl. Assamese will vote for u even if u remain a Assamese leader, why did u behave like a coward ? #AssamAgainstCitizenshipBill
— Guxaani (@DrNeelakshiG) May 9, 2018
तर्कसंगत भी मिश्रा के इस प्रयास की सराहना करता है कि समस्या के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया और इस मुद्दे को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में स्टैंड अप का उपयोग किया.
अपने विचारों को साझा करें