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संयुक्त राष्ट्र वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में भारत 140 वें स्थान पर; फिनलैंड लगातार दूसरे वर्ष लिस्ट में सबसे ऊपर
Image Credits: Times Of India
March 22, 2019
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2019 की यूएन वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट, जो 20 मार्च को जारी की गई, उसमें भारत 140 वें पायदान पर है. पिछले साल से सात स्पॉट नीचे, भारतीय 2019 में उतने खुश नहीं दिख रहे हैं जितने 2018 में थे. दूसरी तरफ फिनलैंड लगातार दूसरे साल टॉप पर रहा.
संयुक्त राष्ट्र के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट सोल्यूशन्स ने 20 मार्च को रिपोर्ट जारी की, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2012 में विश्व खुशी दिवस के रूप में 20 मार्च को घोषित किया था.
आय, स्वतंत्रता, विश्वास, स्वस्थ जीवन, सामाजिक समर्थन और उदारता का समर्थन करने वाले छह प्रमुख बिंदुओं के आधार पर रिपोर्ट में देशों को आँका जाता है.
रिपोर्ट क्या कहती है
रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि पिछले कुछ वर्षों में, वर्ल्ड हैप्पीनेस में गिरावट आई है, भारत में एक निरंतर गिरावट के कारण यह इस चीज़ को बढ़ा रहा है. 2018 में, भारत 133 वें स्थान पर आया, और 2019 में 140 वें स्थान पर आ गया है.
संयुक्त राष्ट्र की सातवीं वार्षिक वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में दुख, चिंता और क्रोध जैसी नकारात्मक भावनाओं में वृद्धि हुई है. यह रिपोर्ट दुनिया के 156 देशों को “उनके नागरिक खुद को कितना खुश मानते हैं” पर रैंक करते हैं.
Finland ranked #1 on the #Happiness2019 Report! Download the report to see why: https://t.co/lyKcmajxlE #HappyPeople @UNSDSN @andrea_illy @FinlandUN #WHR19 pic.twitter.com/AGvryQyjQe
— Happiness Report (@HappinessRpt) March 20, 2019
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने 67 वीं रैंक, बांग्लादेश ने 125 वीं और चीन ने 93 वीं रैंक हासिल की है. युद्धग्रस्त दक्षिण सूडान में सबसे अधिक दुखी लोग हैं, जिसके बाद मध्य अफ्रीकी गणराज्य (155), अफगानिस्तान (154), तंजानिया (153) और रवांडा (152) हैं.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है देशों के बीच, खुशी के बढ़ते गैप, नागरिकों एक देश को छोड़कर दूसरे देश जाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.
Denmark ranked #2 on the #Happiness2019 Report! Download the report to see why: https://t.co/lyKcmajxlE #HappyPeople @Denmark_UN pic.twitter.com/tDIU192uTG
— Happiness Report (@HappinessRpt) March 20, 2019
गैलप वर्ल्ड पोल के सवालों के आधार पर देशों को खुशी का अध्ययन किया जाता है, जिसके बाद परिणाम सामाजिक सुरक्षा और जीडीपी सहित अन्य कारकों से जुड़े होते हैं. दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक होने के बावजूद, संयुक्त राज्य अमेरिका सूची में 19 वीं रैंक रखता है, स्पष्ट रूप से यह सुझाव देता है कि पैसा खुशी की सबसे मजबूत कुंजी नहीं है.
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