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फैक्ट चेक : प्रशांत भूषण कहते हैं कि नेहरू ने इसरो और DRDO की स्थापना की, क्या वह सही हैं?
Image Credits: Indian Express
April 1, 2019
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बीते बुधवार, 27 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की. ट्विटर पर जहां लोग, एटीएम के आगे दोबारा लाइनों में लगने के कयास लगा रहे थे, पीएम ने संभावनाओं को एक रोचक मोड़ देते हुए भारत के स्वदेशी A-SAT (सैटेलाइट रोधी) हथियार के सफ़ल परीक्षण की घोषणा की.
चुनावों के इतना क़रीब होने के कारण, ये आसाधारण उपलब्धि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार की उपलब्धि मालूम होती है. ट्विटर पर भी कई लोगों ने, डीआरडीओ (DRDO) और इसरो (ISRO) की इस उपलब्धि के लिए वर्तमान भाजपा सरकार की सराहना की.
कुछ लोगों इस पर पिछली सरकार पर उंगलियां उठाने लगे और उनके इस प्रोजेक्ट के लिए कम उत्साह पर दिखाने पर उलाहना देने लगे. पूर्व डीआरडीओ डायरेक्टर जनरल श्री वीके सारस्वत ने एक साक्षात्कार के माध्यम से दावा किया कि वे पिछली सरकार के पास इस प्रयोग का मसौदा लेकर गए थे किन्तु सरकार इसके लिए इच्छुक नहीं दिखी.
ऐसे में जब आरोप – प्रत्यारोप और शक्ति का प्रदर्शन चल ही रहा था, जनहित याचिका के लिए प्रख्यात वक़िल श्री प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर दिया कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने डीआरडीओ की नींव रखी थी. उन्होंने कहा “ISRO, DRDO और HAL स्थापना नेहरू द्वारा भारत को अंतरिक्ष, रक्षा तकनीक और विमान निर्माण में आत्म निर्भर बनाने के लिए 50 के दशक में ही रख दी थी. एंटी सैटेलाइट मिसाइल भी 2012 में ही विकसित और तैयार कर ली गई थी. जैसे मोदी जी ने HAL से राफेल डील रिलायंस को दे दी थी, अब चुनावी बढ़त के लिए डीआरडीओ के इस परीक्षण का दावा कर रहें हैं.”
ISRO, DRDO&HAL set up by Nehru in the 50s to make India self reliant in Space, Aircraft&Defence technology. The anti satellite missile was developed&ready in 2012. Modi snatched Rafale deal from HAL for Ambani. Gave up TOT&self reliance. Now claims electoral credit for DRDO test!
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) March 28, 2019
प्रशांत भूषण के इस ट्वीट के विरोध में, कई लोगों ने ट्वीट किए और दावा किया कि नेहरू का दोनों संस्थानों के निर्माण में कोई योगदान नहीं थी. HAL से की स्थापना जहां 1940 में हुई, वहीं ISRO 1975 में अस्तित्व में आया. HAL के वक़्त में नेहरू देश के प्रधानमंत्री नहीं थे तो वहीं ISRO के वक़्त नेहरू दुनियां में ही नहीं थे.
ISRO, DRDO&HAL set up by Nehru in the 50s to make India self reliant in Space, Aircraft&Defence technology. The anti satellite missile was developed&ready in 2012. Modi snatched Rafale deal from HAL for Ambani. Gave up TOT&self reliance. Now claims electoral credit for DRDO test!
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) March 28, 2019
फैक्ट चेक

एक साधारण Google सर्च, इस मुद्दे के आसपास फैले सभी संदेह के बादलों को साफ कर देती है. ISRO का पूर्व नाम INCOSPAR अर्थात् भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति जिसकी स्थापना 1962 में, विख्यात वैज्ञानिक श्री विक्रम साराभाई और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा, अंतरिक्ष अनुसंधान में संभावनाओं को देखते हुए की. जो बाद में बढ़कर 1969 में ISRO बन गया.
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत DRDO की स्थापना 1958 में हुई, तब तक नेहरू ही भारत के प्रधानमंत्री थे. वहीं HAL की स्थापना 2 दिसंबर 1940 को बैंगलोर में श्री वालचंद हीराचंद द्वारा की गई जो कंपनी के अध्यक्ष थे.
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