
ख़बरें
शारदा मंदिर कॉरिडोर: पाकिस्तान ने भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए कॉरिडोर खोलने की योजना बनाई
April 2, 2019
SHARES
25 मार्च की सुबह, पाकिस्तान की मीडिया द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि पाकिस्तानी सरकार ने शारदा मंदिर कॉरिडोर खोलने के लिये अनुमति दे दी है. हालाँकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है परंतु पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने बयान है. बहरहाल, करतारपुर कॉरिडोर के खुलने के बाद, इस कदम को सकारात्मक कदम बताया जा रहा है जिसका कई लोगों ने स्वागत किया है.
सेवा शारदा समिति के प्रमुख, रविंदर पंडिता ने एक बयान में बताया “मैं इस बात से सहमत हूं कि POK में शारदा पीठ को फिर से खोलने के लिए सैद्धांतिक सहमति दी गई है. मैं इस ऐतिहासिक क्षण पर दोनों देशों का धन्यवाद करता हूं.”
सभी के लिए पवित्र स्थल
विशेष रूप से कश्मीरी पंडितों के लिये यह पवित्र स्थल, LOC के पार मुज़फ़्फ़राबाद से लगभग 160 किमी दूर नीलम घाटी के शारदी गांव में स्थित है. शारदा विश्वविद्यालय, जिसके खंडहर मंदिर के आस-पास पाये जाते हैं, कभी प्राचीन भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र माना जाता था.
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के जम्मू और कश्मीर के पूर्व निदेशक, प्रोफेसर अयाज़ रसूल नाज़ी ने 2007 में यहाँ का दौरा किया था. भारतीय तीर्थयात्रियों को यात्रा करने की अनुमति देने की मांग फिर से उठी थी जिस पर प्रो. नाज़ी ने बताया “हालांकि कश्मीरी पंडित हमेशा से इस पवित्र स्थान पर जाने के इच्छुक रहे हैं. शारदा हमारी आम जड़ों और वंश के कारण हर कश्मीरी के लिए महत्वपूर्ण है.”
टाइम्स नाओ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत-पाकिस्तान के संबंधों में यह विकास का समय है. 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद, जैश-ऐ-मोहम्मद के बालाकोट कैंप पर बमबारी और विंग कमांडर अभिनंदन के कब्जे के बाद से दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ रहा है.
पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र के घोट जिले से दो हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के बाद शादी के मामले ने ट्विटर पर हाल ही में बबाल मचाया है. इस बबाल पर पाकिस्तानी सरकार ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है क्योंकि पीएम इमरान खान ने इस घटना की जांच के लिए आदेश दिया है. हालाँकि यह मुद्दा पाकिस्तान में नया नहीं है. कराची स्थित पत्रकार, वींगास ने इन ब्रिंग बैक अवर गर्ल्स, में अच्छी तरह से छापा है.
द वायर के अनुसार, भारत ने मामले पर पाकिस्तान को एक नोट जारी किया है और उन्हें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के एक ट्वीट के बाद अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
Not too long ago I had written to PM imploring GoI to reopen Sharda Peeth, a temple across LoC for Kash Pandits. An initiative like this at a time when Indo – Pak tensions are at an all time high could help navigate the current impasse. https://t.co/IYRyQ8v5U3
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 25, 2019
करतारपुर कॉरिडोर भारत-पाक संबंधों के लिए सकारात्मक पहलू था. यह एक कदम अगर प्रस्ताव पास होता तो कुछ और नहीं, पड़ोसियों से बात तो हो सकती है. लेकिन यह सिर्फ एक उत्प्रेरक कदम है. दो लगातार संघर्ष कर रहे राष्ट्रों के बीच, जो निरंतर तनाव का वास्तविक कारण है वो इस तरह के कदम से सुलझ नहीं सकता है और ना ही मानव अधिकारों के उल्लंघन का जवाब या समाधान हो सकता है.
यहाँ एक बात सोचने वाली है कि एक विशेष स्थान की एक विशेष समस्या को किसी अन्य स्थान पर कुछ अन्य समस्या के जरिये हल नहीं किया जा सकता है.
अपने विचारों को साझा करें