
ख़बरें
क्या 75 वर्षीय वृद्ध मोदी समर्थक डीएमके-कांग्रेस समर्थक द्वारा हमले में मारे गए ? पुलिस ने मामले की सच्चाई बताई
Image Credits: New Indian Express/The News Minute
April 17, 2019
SHARES
कुछ दिन पहले, इंडिया टुडे सहित कई समाचार प्लेटफार्मों ने एक खबर प्रकाशित की कि कैसे 75 वर्षीय एक मोदी-समर्थक को डीएमके-कांग्रेस के समर्थक ने पीट पीट कर मार दिया. समाचार प्लेटफार्मों द्वारा प्रकाशित की गई ख़बर समाचार एजेंसी पीटीआई की एक सिंडिकेटेड रिपोर्ट थी.
विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों द्वारा प्रकाशित समाचार
गोविंदराजन, एक 75 वर्षीय व्यक्ति, जो जाहिर तौर पर पीएम मोदी के एक समर्पित समर्थक थे और13 अप्रैल को तमिलनाडु के तंजावुर जिले के ओरानाथडू तालुक में मोदी के लिए घूम घूम कर वोट मांग रहे थे. उसी दौरान उन्हें गोपीनाथ ने संपर्क किया, जिन्हें डीएमके-कांग्रेस समर्थक कहा जाता है. इसके बाद दोनों एक विवाद में पड़ गए, जो जल्द ही हाथापाई में तब्दील हो गयी, इस दौरान गोविंदराजन की मौके पर ही मौत हो गई.
इस कहानी ने सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश पैदा किया और कई लोगों ने सवाल किया कि इस मुद्दे को लेकर मीडिया की चुप्पी क्यों है? इस कहानी को साझा किया गया था, और इस घटना की विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों और जाने माने लोगों द्वारा निंदा की गई थी.
75 year old Govindraj killed for praising #Modi,incident took place near a Orthanadu village in Tanjore, #TamilNadu#Govindaraj was attacked by Gopinath a #DMK supporter, he immediately collapsed and died on the spot.#Intolerance anyone #JusticeForGovindraj
killed for views pic.twitter.com/2roS2qdgbC— Sachin Singh (@sachinsingh1010) April 14, 2019
75-year-old Modi fan dies after being beaten up by DMK-Congress supporter.
@ShashiTharoor your kind of India. That is what you want. https://t.co/DFtUrztr6A— Chowkidar Shashank Singh (@pokershash) April 14, 2019
पुलिस के अनुसार सही जानकारी
पीटीआई की कहानी में कहा गया है कि आरोपी डीएमके-कांग्रेस समर्थक था, जबकि ओराथनडु के डीएसपी कामराजार ने इन दावों का खंडन किया कि गोपीनाथ डीएमके-कांग्रेस समर्थक हैं.
पुलिस ने इस घटना के पीछे किसी भी राजनीतिक मकसद या राजनीतिक कोण से इनकार किया. उनका दावा है कि गोविंदराजन मानसिक रूप से अस्थिर थे और खुद से जोर-जोर से बात कर रहे थे. डीएसपी ने द क्विंट को बताया कि पीड़ित को अपनी शर्ट पर AIADMK नेताओं जयललिता और एमजीआर की तस्वीरें डालने के लिए भी जाना जाता था. हाल ही में एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन के बाद उन्होंने पीएम मोदी की एक तस्वीर पर लगानी शुरू कर दी. गोपीनाथ ने सोचा कि गोविंदराजन उसे गाली दे रहे हैं और इसके कारण वह विवाद हुआ, जो जल्द ही एक विवाद में बदल गया, लेकिन गोविंदराजन पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार मौके पर ही नहीं मरे. तब वह अपनी बेटी के साथ जनरल अस्पताल में जाँच के लिए गए क्योंकि उन्हें मामूली चोटें आई थीं. इसके बाद वह वापस घर गए और सोने चले गए, जिसके बाद उनके परिवार ने पाया कि वह गुजर चुके हैं. हत्या के संदेह में पुलिस ने गोपीनाथ को गिरफ्तार किया है.
तर्कसंगत का तर्क
पीटीआई की कहानी में कोई स्रोत नहीं है और इसमें पुलिस से बात करने का उल्लेख है लेकिन उसके नाम का उल्लेख नहीं किया गया है. इस कहानी ने देश में बढ़ती असहिष्णुता पर आलोचना और निराशा व्यक्त की है. हालांकि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में आलोचनाएं और निराशा बहुत अधिक प्रासंगिक हैं, एक कमज़ोर खबर दो पक्षों / गठबंधनों के बीच घृणा फैलाने से मामलों को और बदतर बनाती है. हम जिस समय में हैं, उस समय को ध्यान में रखते हुए, मीडिया को जानकारी सत्यापित करने की जिम्मेदारी बहुत आवश्यक है.
अपने विचारों को साझा करें