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मिलिए हांगकांग में जन्में पत्त सिंह ‘चेउंग’ से जिनके जीवन की एक छोटी सी घटना ने इन्हें सिख बना दिया
Image Credits: Facebook/Pat Singh Cheung
April 23, 2019
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हम सभी ने चांदनी चौक टू चाईना देखि होगी जिसका किरदार अपनी किस्मत को बदलने दिल्ली के चांदनी चौक से चाईना जाता है. आज हम आपको एक सच्ची शख़्शियत से मिलाने जा रहे हैं, जो फिल्म के उलट यह चाइना से चांदनी चौक तो नहीं मगर वैंकुवर में पंजाबी धर्म को अपना कर खुद को भारत के करीब महसूस कर रहे हैं.

सिख परंपरा, एक धर्म होने के अलावा, हमेशा दूसरों की सेवा करने के लिए सबसे आगे रही है और यह केवल उन लोगों तक सीमित नहीं है जो आध्यात्मिक हैं, यह उससे भी कहीं बढ़कर है. इसी खासियत ने हांगकांग में जन्मे पत्त सिंह ‘चेउंग’ को सिख धर्म के प्रति आकर्षित किया.
सीबीसी न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार कनाडा के वैंकुवर के चाईनाटाउन में रहने वाले पत्त सिंह ‘चेउंग’ पेशे से फोटोग्राफर हैं और मैराथन रनर भी हैं.

बदलाव का पहला कदम
सीबीसी न्यूज़ से बात करते हुए उन्होनें बताया कि कार्नेगी कम्युनिटी सेंटर के बाहर एक रोज़ मैंने मेन और हेस्टिंग्स सड़कों के कोने पर, भोजन के लिए लोगों की एक बड़ी भीड़ को देखा.
“मैंने सोचा, क्या चल रहा है? यह वेलफेयर वीकेंड भी नहीं है,” पत्त सिंह ‘चेउंग’ ने कहा.
जब वह पूछताछ करने के लिए गए तो उन्हें जल्दी से दस्ताने की एक जोड़ी सौंपी दी गई – और उनके सिर को ढंकने के लिए एक दुपट्टा दिया गया और Guru Nanak Free Kitchen में मदद करने के लिए सम्मिलित कर लिया गया.
सिख-विश्वास के नेतृत्व वाला स्वयंसेवी संगठन 2007 से डाउनटाउन ईस्टसाइड (DTES) में मुफ्त में खाना बाँट रहा है.
“मुझे यह बहुत सराहनीय लगा,” चेउंग ने कहा और इसके बाद से वह गुरु नानक फ्री किचन टीम के साथ हर रविवार को DTES में भोजन परोसते हैं. इस एक छोटी सी घटना ने उनकी ज़िन्दगी को बदल दिया.

पत्त सिंह ‘चेउंग’ के इस बदलाव को घर वालों से विरोध का सामना करना पड़ा पर वह कहते हैं कि “हर कोई सिख हो सकता है और एक ईश्वर में विश्वास कर सकता है, एक ईमानदार जीवन जियो, कम भाग्यशाली की मदद करो और सेवा करो जो निस्वार्थ सेवा है.”
पत्त सिंह ‘चेउंग’ ने सिख धर्म के कई सिद्धांतों को अपनाया है. अपनी आस्था के रूप में, चेउंग के पास अब बिना कटे बाल हैं, एक पगड़ी और एक स्टील ब्रेसलेट पहनते है जिसे कड़ा कहा जाता है.

वह हर दिन 3:30 बजे अमृत वेला में जाग कर ध्यान और प्रार्थना करते हैं, फिर वह येलटाउन सीवॉल के पास दौड़ने जाते हैं.
चेउंग मुस्कुराते हुए बताते हैं कि जब लोग उन्हें सिख समझ कर इंग्लिश में बात करते हैं तो वह चाइनीज़ या कैंटोनीज़ में जवाब देते हैं जिससे लोग चौंक जाते हैं. चेउंग यह भी चाहते हैं कि वो पंजाबी भाषा को भी सीख सकें जिससे वह सिख ग्रन्थ को भी पढ़ कर इसके बारे में और भी ज़्यादा समझ सकें.
उन्होंने कैंटोनीज़ में “3 फैक्ट्स अबाउट सिखी ” नामक एक पुस्तिका लिखी और प्रकाशित की, जिससे चीनी-वंश के कई लोगों को धर्म को समझने में मदद मिलती है जब वे रविवार को गुरु नानक की मुफ्त रसोई में आते हैं.

चेउंग कहते हैं “मुझे अच्छा लग रहा है क्योंकि मुझे पता है कि मैं सही काम कर रहा हूं.”
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