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जेट के बाद अब ‘पवन हंस’ पर आर्थिक संकट, कर्मचारियों को नहीं मिला अप्रैल का वेतन
Image Credits: Bhubaneswar Buzz
April 30, 2019
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जेट एयरवेज और किंगफिशर एयरलाइंस के बाद हेलीकॉप्टर सेवा देने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पवन हंस लिमिटेड भी आर्थिक संकट से घिर गई है और अपने कर्मचारियों को अप्रैल महीने का वेतन नहीं दे सकी. बदहाल वित्तीय स्तिथि का हवाला देते हुए मशहूर उड़ान कम्पनी ‘पवन हंस’ ने कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन न देने का फैसला किया है, सिवाय उन कर्मचारियों के जो सीधे तौर पर उत्पादन में शामिल हैं.
सरकुलर जारी कर दी जानकारी
दिनांक 25 अप्रैल,2019 को पवहंस मनेजमेंट ने सर्कुलर जारी कर कहा की कंपनी के पूरे प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. कंपनी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है और भविष्य भी अस्थिर नजर आ रहा है क्योंकि कंपनी के पुराने व्यापार और साथी अब आने वाले समय को लेकर संशय में हैं. वित्त वर्ष 2018-2019 में कंपनी की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है और कंपनी 89 करोड़ रुपये का घाटा झेल रही है.’
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार कंपनी का तकरीबन 230 करोड़ पैसा इनके ग्राहकों के पास अभी भी बकाया है, इसलिए इसके प्रबंधन में पूरी तरह से सुधार की ज़रूरत है, जो बकाया पैसों को रिकवर कर कंपनी को पुनः मुनाफे में लाने के लिए प्रयासरत रहे.
Financial crisis hits Pawan Hans, company holds employees' salaries for April
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— ANI Digital (@ani_digital) April 28, 2019
कर्मचारियों में नाराज़गी
कर्मचारियों ने फैसले की निन्दा करते हुए कहा की यह फैसला बेहद ही अमानवीय है. वह बांह पर काले फीते बाँध कर इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे तुग्लकी फरमान घोषित किया है. यूनियन ने सीएजी व सीबीआई तक पहुचने की धमकी दी है. अचरज की बात यह है कि सभी कर्मी अपने वेतन में इज़ाफ़े की आस लगाए बैठे थे और कंपनी उनके अप्रैल के वेतन को रोकने की बात कर रही है.
पवनहंस की प्रतिक्रिया
पवनहंस का मानना है कि मैनेजमेंट को सुदृढ़ करने की ज़रुरत है साथ ही पुनर्गठन भी सही फैसले लेने की आवश्यकता है. कंपनी ने बताया की कुल बकाया 230 करोड़ रूपये राशि के कम से कम 60 प्रतिशत राशि की उगाही के बाद ही वे वेतन देने में सक्षम होंगे.
पवनहंस भारत सरकार और ओएनजीसी के बीच 51:49 का संयुक्त उद्यम है, जिसमें बीते वर्ष भारत सरकार ने अपने 100 प्रतिशत शेयर बेचने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रही,फिलहाल पवनहंस के कुल 46 हेलीकॉप्टर सेवा में हैं.
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