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बिलासपुर के जिला कलेक्टर ने जेल में बंद कैदी की बेटी का इंटरनेशनल स्कूल में दाखिला कराया
July 1, 2019
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25 जून को एक कैदी की 6 साल की बेटी की जिंदगी बदल दी गई. स्थानीय जिला कलेक्टर ने महसूस किया कि वह पढ़ाई करने की इच्छुक है, इसलिए उसे एक अंतरराष्ट्रीय स्कूल में दाखिला दिलवाया. उस दिन सेंट्रल जेल बिलासपुर में कैदियों के लिए यह एक भावनात्मक मामला था.
जिला कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने तर्कसंगत से बात करते हुए कहा कि जब वह सेंट्रल जेल बिलासपुर में महिला वार्ड में पिछले महीने निरीक्षण पर थे, जब उन्होंने एक छोटी लड़की – ख़ुशी (बदला हुआ नाम) को देखा, जो अन्य महिला कैदी के साथ बैठी थी.
“मैं पहले तो चौंक गया, लेकिन बाद में लड़की से संपर्क किया और उससे पूछा कि क्या वह स्कूल जाना चाहती है?” वह उसे अपने वाहन में ले गए और उसे स्कूल में भर्ती करवाया.
वह लड़की जेल में रह रही थी क्योंकि उसके पिता को एक गंभीर अपराध के मामले में दोषी ठहराया गया था, यह उन्हें महिला जेल वार्डन ने बताया था. उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. जब वह 15 दिन की थी, तब उसकी माँ की पीलिया से मृत्यु हो गई थी.
जैन इंटरनेशनल स्कूल, जिसकी फीस प्रति वर्ष लगभग 3 लाख है, कक्षा 12 तक ख़ुशी की शिक्षा और आवास को प्रायोजित करने के लिए सहमत हुआ है.
अलंग की नेकदिली इतने पर ही खत्म नहीं हुई , वह जेल के अधीक्षक से जेल में रहने वाले अधिक कैदी के बच्चों के बारे में जानने गए.
अलंग को पता चला कि 17 अन्य बच्चे हैं जो जेल में रह रहे हैं. इसलिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क किया. उन्होंने क्षेत्र के शिक्षा अधिकारी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इन सभी 17 बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ जेल के बाहर रहने की जगह भी मिल जाए.
अब इन 17 बच्चों को भर्ती करने की प्रक्रिया चल रही है, मदद के लिए कई लोग आगे आ रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने मामले का संज्ञान लिया और ट्विटर पर उनके महान कार्य के लिए अलंग की सराहना की.
जिला कलेक्टर डॉ संजय की इस मानवीय कदम के लिए जितनी सराहना की जाए कम है।
साथ ही जेल प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन भी बधाई का पात्र है।
आखिर हम सब जनता के ही तो सेवक हैं, ऐसे कदमों से जनता का सरकार और प्रशासन पर विश्वास और भी बढ़ेगा।#WednesdayWisdom https://t.co/4312zymaiP
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 26, 2019
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