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भारतीय सेना में अरुणाचल से पहली महिला लेफ़्टिनेंट कर्नल बनी ये अफसर
Image Credits: Twitter/AjitKDoval
September 24, 2019
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अरुणाचल प्रदेश से भारतीय सेना में जाने वाली मेजर पोनुंग डोमिंग ने इतिहास रच दिया है. वो अपने प्रदेश से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पदोन्नत होने वाली पहली महिला सेना अधिकारी के तौर पर जानी जाएंगी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सोमवार को अपने ट्विटर हैंडल पर उन्हें वास्तविक सशक्त और साहसी महिला कहकर नवाजा.
Now this is a real empowered and daring woman!
Major #PonungDoming creates history. She is first woman Army officer from #Arunachal to be elevated to the rank of Lieutenant Colonel in the #IndianArmy.
Hearty congratulations and best wishes! pic.twitter.com/duvB3MRonA
— Ajit Doval (@AjitKDoval_NSA) September 23, 2019
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खंडू ने भी उन्हें बधाई देते हुए लिखा है कि वो अरुणाचल की पहली महिला अफसर हैं, जो लेफ्टिनेंट कर्नल बनी हैं. मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर इन अफसर को बधाई भी दी.
A proud moment for all of us…
Major #PonungDoming creates history. She is first woman Army officer from #Arunachal to be elevated to the rank of Lieutenant Colonel in the #IndianArmy.
Hearty congratulations and best wishes! @adgpi pic.twitter.com/O33LbNWTsL
— Pema Khandu (@PemaKhanduBJP) September 23, 2019
जानकारी के अनुसार डोमिंग पूर्वी सियांग जिले के पासीघाट के जीटीसी की रहने वाली हैं. वो अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी बेटी हैं. उन्हें इससे पहले अरुणाचल प्रदेश से पहला आर्मी मेजर बनने का गौरव मिला हुआ है. सरकारी स्कूल से पढ़ी पोन डोमिंग बचपन से ही सैन्य अफसर बनना चाहती थीं.
डोमिंग ने बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल से की है. 12वीं के बाद प्रवेश परीक्षा पास करके डोमिंग ने 2005 में महाराष्ट्र के वालचंद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से अपनी सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने एल एंड टी कंपनी कोलकाता में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने लगभग दो साल तक काम किया. इस बीच उन्होंने सर्विस सेलेक्शन बोर्ड इलाहाबाद के लिए अपनी तैयारी जारी रखी.
2008 में वह भारतीय सेना में दाखिल होकर ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई में ट्रेनिंग लेने चली गईं. फिर सितंबर 2008 में लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में शामिल होने के साढ़े चार साल के भीतर वो मेजर के पद पर पहुंच गईं. साल 2014 में उन्होंने डेमोक्रेटिक रीपब्लिक ऑफ कांगो में यूनाइटेड नेशनल पीस कीपिंग मिशन ज्वाइन किया.
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