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मिलिये पायल जांगिड़ से जिन्हें बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने ‘चेंजमेकर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया
Image Credits: Twitter/KSatyarthi
September 25, 2019
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पीएम मोदी को स्वच्छता मिशन के उनके प्रयासों के लिए बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से ग्लोबल गोलकीपर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. ये बात सभी जानते हैं लेकिन हम में से कितने लोग ये जानते हैं कि इसी फाउंडेशन ने भारत की एक बेटी को इसी कार्यक्रम के तहत ‘चेंजमेकर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया है. चेंजमेकर अवॉर्ड से सम्मानित होने वाली भारत की इस बेटी का नाम पायल जांगिड़ है और वो अभी केवल 17 साल की हैं.
पायल जांगिड़ और समाज में उनके योगदान
पायल जांगिड़ को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से चेंजमेकर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. पायल को ये सम्मान राजस्थान में बाल श्रम और बाल विवाह को समाप्त करने के उनके अभियान के लिए दिया गया है. इस अवॉर्ड से सम्मानित करने के बाद संस्था की तरफ से एक ट्वीट किया गया. लिखा था, ‘जांगिड़ को गोलकीपर्स ग्लोबल गोल्स अवॉर्ड्स में चेंजमेकर अवॉर्ड मिला. ये पुरस्कार बाल श्रम और बाल विवाह को समाप्त करने के पायल के अभियान को मान्यता प्रदान करता है’.
Payal Jangid received the Changemaker Award at tonight’s Goalkeepers Global Goals Awards. This award recognizes her campaign to end child labor and child marriage. pic.twitter.com/OV3U16ERmF
— Gates Foundation (@gatesfoundation) September 25, 2019
इस पर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा, ‘पायल ने आज हमें गौरवान्वित किया है, वह उन युवा महिलाओं में से एक हैं जो भारत और अन्य जगहों पर बच्चों के शोषण के खिलाफ सबसे आगे हैं. उसने अपनी शादी से मना करने का साहस दिखाया. साथ ही गांव और आस-पास के गांवों में अन्य बच्चों के विवाह के खिलाफ भी उसने आवाज उठाई.’
Sumedha ji and I are so proud & moved to watch our daughter Payal receiving Changemaker Award from Bill & Melinda Gates Foundation now in New York. She refused her marriage and her entire village was free from child marriages & labour. @gatesfoundation @BillGates @melindagates pic.twitter.com/zMc8KMUHf2
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) September 25, 2019
राजस्थान की रहने वाली हैं पायल जांगिड़
पायल जांगिड़ केवल 17 साल की हैं. वो राजस्थान के हिंसला गांव की निवासी हैं. जानकारी के मुताबिक काफी उम्र में उनके परिवार ने भी उन पर शादी करने का दबाव बनाया लेकिन पायल ने परिवार के दवाब में ना आकर स्कूल जाने का फैसला किया. पायल जांगिड़ ने अपने गांव में बाल मित्र ग्राम कार्यक्रम के तहत गठित बाल परिषद् में बाल पंचायत प्रमुख के तौर पर काम किया. ये कार्यक्रम, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के बचपन बचाओ आंदोलन आंदोलन के तहत आता है.
अवॉर्ड मिलने पर खुशी जताई पायल ने
अपने अभियान के बारे में बताते हुए पायल कहती हैं कि हम बच्चों के घर जाते हैं और उनके माता-पिता को समझाते हैं कि शिक्षा का क्या महत्व है और स्कूल जाना क्यों जरूरी है. मैं बच्चों के पिता से कहती हूं कि वे कभी भी अपने बच्चों या पत्नी को मारें-पीटें नहीं, बल्कि उन्हें प्यार दें. अगर वे अपने परिवार से प्यार करेंगे तो सारी चीजें बेहतर हो जाएंगी. पुरस्कार मिलने पर पायल जांगिड़ ने कहा कि मैं काफी खुश हूं कि ये अवॉर्ड मिला.
मेरी इच्छा है कि जिस तरह से मैंने अपने गांव में इन समस्याओं को खत्म किया है चाहती हूं कि वैश्विक स्तर पर भी इन समस्याओं के खिलाफ अभियान चलाऊं. पायल जांगिड़ ने ग्लोबल गोलकीपर्स अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने पर पीएम मोदी को बधाई दी है.
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