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आईआईटी के एमटेक कोर्स में होने वाले हैं ये बड़े बदलाव
Image Credits: Bhaskar/Twitter/Dr RPNishank
September 30, 2019
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एमटेक कोर्स की फीस में आईआईटी एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। बता दें कि आईआईटी एमटेक प्रोग्राम की फीस में 900 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर रही है। खास बात ये है कि शुक्रवार को आईआईटी की एक काउंसलिंग हुई, जिसमें एमटेक प्रोग्राम की फीस को बीटेक कोर्सों की फीस के बराबर करने को मंजूरी दे दी है। एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल की अध्यक्षता में ये परिषद की मीटिंग की बैठक हुई है। 2020 के शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले तीन साल के कोर्स में फीस को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया जाएगा। इसी के साथ मंथली फेलोशिप अवॉर्ड पर भी रोक लगा दी है।
आईआईटीज में एमटेक कोर्स की मौजूदा ऐडमिशन और ट्युइशन फीस प्रति सेमेस्टर 5,000 से 10,000 रुपये है। मीटिंग में नए प्रफेसरों की पांच साल पर समीक्षा के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।
अभी कितनी है फीस
मौजूदा समय में एक सेमेस्टर के लिए आईआईटी मुंबई की एमटेक ट्युइशन फीस 5,000 रुपये है जबकि आईआईटी दिल्ली की 10,000 रुपये। आईआईटी मद्रास में 3,750 रुपये की एकमुश्त भुगतान के साथ ट्युइशन फीस 5,000 रुपये है। आईआईटी खड़गपुर के पहले सेमेस्टर की फीस 25,950 रुपये है। इसमें से 6,000 रुपये रिफंड हो जाता है। बाद के सेमेस्टरों के लिए 10,550 रुपये फीस है। कुल 23 आईआईटीज में से सात पुरानी आईआईटीज में करीब 14,000 एमटेक छात्र हैं।
आई.आई.टी संस्थानों की नव भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है । बैठक में संस्थानों को अपनी वैश्विक रैंकिंग सुधारने के लिए विशेष प्रयास करने पर मंथन हुआ ।
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री श्री @SanjayDhotreMP जी उपस्थित रहे । pic.twitter.com/Qa8CrzMIfI— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) September 27, 2019
सस्टाइपेंड पर भी पाबंदी
गेट स्कोर के आधार पर जिन छात्रों का दाखिला होता था, उनको हर महीने 12,400 रुपये का स्टाइपेंड मिलता था। अब इस स्टाइपेंड को बंद करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसकी जगह इस स्टाइपेंड के कुछ हिस्से का इस्तेमाल यूजी लैब्स और कोर्सों में टीचिंग असिस्टेंटशिप के तौर पर देने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा सूत्रों के अनुसार शिक्षकों ने बताया कि अब कमजोर छात्रों को कोर्स से तीन साल के बाद निकालने की योजना बन रही है। साथ ही इन छात्रों के लिए तीन साल बीएससी इंजीनियर की डिग्री देने पर भी जोर दिया जा रहा है।
वहीं उस घर के छात्र जिनकी वार्षिक आय 1 लाख से 5 लाख रुपये तक है उन सभी को फीस में दो-तिहाई की छूट मिलेगी।
आईआईटीज में एमटेक प्रोग्रामों में सुधार की काफी समय से मांग उठ रही थी। मांगों को देखते हुए सुधार के लिए एक तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया। फिर कमिटी ने जो सुझाव दिए, उनके आधार पर ये प्रस्ताव तैयार किया गया है। ऐसा महसूस किया गया कि फीस बढ़ने और स्टाइपेंड बंद होने से बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की संख्या में कमी आएगी।
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