
मेरी कहानी
मेरी कहानी: मेरी मां मेरी ज़िम्मेदारी नहीं लेना चाहती थीं. उन्होंने मेरी पढ़ाई के लिए पैसे देने से भी इन्कार कर दिया था.
Image Credits: Humans Of Bombay
October 15, 2019
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डांस के लिए मेरा प्यार तब शुरू हुआ जब मैं 2 साल की थी. मेरे माता-पिता मुझे एक फ़िल्म दिखाने ले गए थे और जैसे ही ‘जय जय शिव शंकर’ गाना आया मैं अपनी मां की गोद से कूद गई और डांस करने लगी. मैंने अलग-अलग डांस फॉर्म्स में ट्रेनिंग लेना भी शुरू किया और 14 साल की उम्र में मैंने पहली बार भीड़ के सामने परफ़ॉर्म किया.
चीजें बहुत अच्छी जा रही थीं … लेकिन एक दिन मेरे पिताजी को दिल का दौरा पड़ने से अचानक उनकी मौत हो गई. उसके बाद, मेरी मां मेरी ज़िम्मेदारी नहीं लेना चाहती थीं. उन्होंने मेरी पढ़ाई के लिए पैसे देने से भी इन्कार कर दिया था. मैं 9वीं कक्षा में थी और अलग-अलग शोज़ में डांस करती थी, वहां मैं प्रति शो 125 रुपये कमाती थी.
जब मैं 18 साल की थी, तो एक शो के दौरान मेरी मुलाकात एक दूसरे डांसर से हुई और कुछ समय बाद हमने ये महसूस किया कि हमें एक दूसरे से प्यार हो गया। मैं उससे शादी करना चाहती थी – लेकिन मेरी माँ ने मना कर दिया और मुझे उसे छोड़ने के लिए कहा। यहां तक कि रिश्तेदार भी मदद नहीं कर सकते थे – इसलिए साथ रहने के लिए, मैंने उससे शादी कर ली। मैं हमारी नई ज़िंदगी शुरू होने के लिए बहुत उत्साहित थी, लेकिन मुझे ये महसूस नहीं हुआ कि शादी के बाद वो कितना बदल गया था. वो ख़ुद एक डांसर था पर एक ‘डांसर’ से शादी नहीं करना चाहता था- उसने मुझे डांस छोड़ने के लिए बोला. मैं उसे नहीं छोड़ सकती थी इसलिए डांस को छोड़ दिया.
वो कुछ ख़ास नहीं कमा रहा था, इसलिए हम नए अवसरों के लिए मुंबई चले आए, लेकिन चीज़ें बेहतर नहीं हुईं. हमारी रोज़ी-रोटी चल सके इसलिए मैंने फिर से परफ़ॉर्म करना शुरू किया. धीरे-धीरे मुझे काम मिलने लगा पर उसे अभी भी नहीं मिल रहा था. मेरा नाम होने लगा और मैं विदेशों में भी परफ़ॉर्म करने लगी. यहां तक कि मैं मनीषा कोइराला जैसे कलाकारों के साथ भी काम करने लगी. वो ये बर्दाश्त नहीं कर सका, और मुझसे लड़ने लगा. वह मुझे ‘नाचने वाली’ जैसे नामों से बुलाता और मुझे बुरा महसूस कराता.

एक बार, वो मेरे शो में आया और मेरे परफॉरमेंस के बाद, उसने मुझे सबके सामने थप्पड़ मारा. मैं टूट गयी थी, मुझे नहीं पता था कि क्या करना है. मैं फ़िर भी उसके साथ रुकी क्योंकि मुझे लगा कि मेरे पास कोई रास्ता नहीं है. जल्द ही मैं गर्भवती हो गई, लेकिन तब भी वो नहीं रुका. उसने मुझे अपनी विफलताओं के लिए दोषी ठहराया. जब मेरी बेटी दो साल की थी, तो हमारे बीच बहुत बुरा झगड़ा हुआ था. उसने मुझे इतनी बुरी तरह से पीटा था कि मुझे लगा कि मैं अपने पैर खो दूंगी. मैं इन सब चीज़ों से इतना तंग आ गई थी कि मैंने अपनी खिड़की से कूदकर खुद को मारने की कोशिश की, लेकिन मेरे पड़ोसी ने मेरी जान बचा ली थी.
मैं तब पूरी तरह से टूट चुकी थी. जब उसका दूसरी महिला से अफेयर चल रहा था और वो उससे शादी करना चाहता था. मैं उसके साथ इतने लम्बे समय से थी, मैंने इतना कुछ त्याग किया लेकिन उसे बस एक मिनट लगा मुझे और मेरी बेटी को निकालने में.

इस बार मैं अपने लिए खड़ी हुई, तलाक़ दिया और अपनी बेटी के साथ एक किराए के घर में चली गई. मैं थोड़े दिनों के लिए लड़खड़ाई लेकिन मैंने अपनी बचत का इस्तेमाल किया और एक डांस अकादमी खोली. मैंने इसकी शुरुआत एक छोटे से परिसर से की, मैंने कड़ी मेहनत की और आज मेरे पास एक विशाल अकादमी है जहां मैं 200 से अधिक छात्रों को सिखाती हूं. अब 15 साल हो गए हैं और मैं आख़िरकार अपने पैरों पर खड़ी हूं. अब कोई भी व्यक्ति मेरे लिए कुछ भी तय नहीं कर सकता या मुझे नहीं बता सकता है कि मैं किस लायक हूं और मैं क्या कर सकती हूं. मैं अपने फैसले खुद कर रही हूं, और अपने सपनों का पीछा कर रहा हूं. मैं अपने काम से प्यार करती हूं, और मैं जानती हूं कि मेरे पास शर्मिंदा होने के लिए कुछ भी नहीं है.
स्रोत : ह्यूमन्स ऑफ़ बॉम्बे
*TRIGGER WARNING*“My love for dancing began when I was 2. My parents and I had gone for a movie and I jumped from my…
Posted by Humans of Bombay on Tuesday, 10 September 2019
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