
ख़बरें
प्रज्ञा ठाकुर ने अपने गोडसे वाले बयान पर माफ़ी मांगी
Image Credits: Wikipedia/Britannica
November 29, 2019
SHARES
बीजेपी की सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में गोडसे के अपने बयान पर माफ़ी मांग ली है. उन्होंने कहा कि किसी को ठेस पहुंची हो तो माफ़ी मांगती हूं. उन्होंने लोकसभा में कहा, “मैं सदन में मेरी किसी भी टिप्पणी से किसी भी प्रकार से किसी को कोई ठेस पहुंची हो तो उसके लिए मैं खेद प्रकट कर क्षमा चाहती हूं.”
#WATCH "I apologise If I have hurt any sentiments. My statements being distorted, taken out of context. A member of the House referred to me as 'terrorist' without proof. It is an attack on my dignity," BJP MP Pragya Singh Thakur in Lok Sabha pic.twitter.com/2cYY87uoid
— ANI (@ANI) November 29, 2019
उन्होंने ये भी कहा कि मेरे बयान को तोड़-मोड़कर पेश किया गया है. उन्होंने इस मौके पर राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि मेरे ख़िलाफ़ कोई आरोप साबित नहीं हुआ है, बिना आरोप साबित हुए मुझे आतंकवादी कहना ग़लत है.
BJP MP Pragya Singh Thakur in Lok Sabha: Mein sadan mein mere dwara ki gayi kisi bhi tipani se kisi bhi prakar se kisi koi thess pahunchi ho toh uske liye mein khed prakat kar kshama chahti hun pic.twitter.com/tgjMbzhSvW
— ANI (@ANI) November 29, 2019
प्रज्ञा ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा था. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने सांसद प्रज्ञा ठाकुर पर कार्रवाई करते हुए उन्हें रक्षा मामले की सलाहकार समिति से हटाने का फ़ैसला किया था.
राहुल गांधी ने 28 नवंबर को ट्वीट किया था, “आतंकवादी प्रज्ञा ने आतंकवादी गोडसे को देशभक्त बताया. भारतीय संसद के इतिहास का एक उदास दिन.”
प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 के मालेगाँव ब्लास्ट मामले में अभियुक्त हैं. फिलहाल वो स्वास्थ्य कारणों से ज़मानत पर बाहर हैं. साल 2008 के मालेगाँव ब्लास्ट में वे अभियुक्त भी हैं. महाराष्ट्र के मालेगाँव में अंजुमन चौक और भीकू चौक के बीच शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट के सामने 29 सितंबर 2008 की रात 9.35 बजे बम धमाका हुआ था जिसमें छह लोग मारे गए और 101 लोग घायल हुए थे.
इस धमाके में एक मोटरसाइकिल इस्तेमाल की गई थी. एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक़ यह मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी. इस मामले में एनआईए कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर को ज़मानत दे दी थी लेकिन उन्हें दोषमुक्त नहीं माना था और दिसंबर 2017 में दिए अपने आदेश में कहा था कि प्रज्ञा पर यूएपीए (अनलॉफ़ुल एक्टिविटीज़ प्रीवेंशन एक्ट) के तहत मुक़दमा चलता रहेगा.प्रज्ञा ठाकुर पर समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले के अभियुक्त सुनील जोशी की हत्या का आरोप भी लगा था. जोशी की 29 दिसंबर 2007 को हत्या कर दी गई थी.
अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले में भी प्रज्ञा ठाकुर का नाम आया था लेकिन अप्रैल 2017 में एनआईए ने प्रज्ञा ठाकुर, आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार और दो अन्य के ख़िलाफ़ राजस्थान की स्पेशल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी.
अपने विचारों को साझा करें