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असम सरकार ने मानव-पशु संघर्ष से निपटने के लिए एंटी-डिप्रेडेशन स्क्वॉड बनाया
Image Credits: CM Office Assam/ Twitter
December 12, 2019
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असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार 5 दिसंबर को राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष से निपटने के लिए राज्य के वन विभाग के 15 एंटी-डिप्रेडेशन स्क्वॉड की शुरुआत की। यह दस्ते 15 प्रमुख मानव-वन्यजीव संघर्ष जिलों में काम करेंगे, ताकि मानव और वन्यजीव दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। राज्य के वन विभाग ने विशेष रूप से प्रशिक्षित 50 फ्रंटलाइन कर्मचारियों को लगाया है, जबकि आने वाले दिनों में 100 और कर्मचारी प्रशिक्षित किए जाएंगे।
वन विभाग ने किसी भी संघर्ष की स्थिति से निपटने के लिए कर्मचारियों को 150, 12 बोर पंप एक्शन गन, 15,000 राउंड रबर की गोलियां और प्रत्येक दस्ते को दो वाहन प्रदान किए हैं। गुवाहाटी में लॉन्च के दौरान सीएम द्वारा दस्तों को हथियार वितरित किए गए थे।
असम के मुख्यमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को ट्वीट किया, “इस अवसर पर, सीएम ने एंटी-डिप्रेडेशन स्क्वाड के सदस्यों को रबड़ की गोलियां, किट, फॉग लाइट आदि के साथ हथियार वितरित किए और वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।”
On the occasion, the CM distributed arms with rubber bullets, kits, fog lights etc. to the Anti-Depredation Squad members and flagged off the vehicles provided to the Squads. pic.twitter.com/VGacMAmXYR
— Chief Minister Assam (@CMOfficeAssam) December 5, 2019
इंडिया टुडे ने सोनोवाल के हवाले से कहा, “मानव और जानवरों दोनों के जीवन का नुकसान अनुचित है और दस्तों को मानव-पशु संघर्षों से बचने के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए।”
“शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व आदमी और जानवरों के लिए बहुत जरूरी है और संघर्ष स्थितियों में हताहतों की संख्या को कम करने के लिए जानवरों और दस्तों को वन विभाग के लिए एक बढ़िया अतिरिक्त होगा,” सीएम ने कहा।
सीएम ने लोगों से पशु व्यवहार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए दस्तों के साथ सहयोग करने का भी आग्रह किया। उन्होंने किसी भी हताहत से बचने के लिए मानव-वन्यजीव संघर्ष को पूरी तरह से कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
लॉन्च के मौके पर मौजूद असम के पर्यावरण और वन मंत्री परिमल सुखाबैद्य ने भी कहा, ‘राज्य में इस साल अब तक मानव-हाथी संघर्षों में 63 लोगों की मौत हो चुकी है और 62 जंगली हाथियों ने भी अपनी जान गंवाई है। असम के मुख्यमंत्री ने मुझे समस्या को कम करने के लिए उचित उपाय करने का निर्देश दिया है। ”
2010 से राज्य में लगभग 761 मानव और 249 हाथी मारे गए, असम में मानव-हाथी संघर्ष आम है। फरवरी 2019 में असम विधानसभा में असम सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2010 में इंसानी मृत्यु 61 से बढ़कर 2018 में 92 हो गई। 2010 में 25 हाथी की मौत से 2017 में 46 और 2018 में 27 थी।
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