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देश का पहला मूक-बधिर सरपंच बन इतिहास रच सकता है लालू
Image Credits: Asianet News/Times Of India
February 11, 2020
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इसे लोकतंत्र की खूबसूरती कह लीजिये या नसीब का एकाएक चमक उठना कि आगामी ग्राम पंचायत चुनावों में जिले के 27 वर्षीय मूक-बधिर युवक का देश का पहला मूक-बधिर सरपंच बनना लगभग तय माना जा रहा है. राज्य में आगामी दिनों में होने वाले पंचायत चुनाव में लालू (27) नाम के इस युवक की जीत तय मानी जा रही है. इंदौर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर डांसरी गांव के निवासी हैं. डांसरी गांव को कुछ समय पहले ही ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया है.
करीब 1,000 लोगों की आबादी वाले इस गांव की नवगठित पंचायत के आगामी चुनावों के लिए सरपंच का पद चक्रानुक्रम (रोटेशन) पद्धति के मुताबिक लॉट निकालकर अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के उम्मीदवार के लिये आरक्षित किया गया है.
मध्य प्रदेश में फिलहाल ग्राम पंचायत चुनावों के कार्यक्रम की फिलहाल आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन डांसरी के निवासियों का कहना है कि जल्द संभावित चुनावों में लालू का निर्विरोध सरपंच निर्वाचित होना लगभग तय है क्योंकि इस गांव में वह एसटी वर्ग के इकलौते मतदाता हैं. लालू खुद भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. अब तक अविवाहित लालू के माता-पिता बचपन में ही गुजर गए थे. वह पिछले 20 साल से डांसरी के एक परिवार के साथ रहकर खेती कर रहे हैं.
राज्य में मूक-बधिर समुदाय के अधिकारों के लिए सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञानेंद्र पुरोहित ने इशारों की जुबान में लालू से हुई बातचीत के हवाले से बताया, ‘खुद पर भरोसे से लबरेज लालू का कहना है कि वह आगामी पंचायत चुनावों में सरपंच पद के लिए निश्चित तौर पर पर्चा दाखिल करेगा.’ पुरोहित ने बताया कि सरपंच बनने के बारे में सोचकर उत्साहित लालू खासकर किसानों के हित में काम करना चाहता है. इसके साथ ही, अपने गांव में नयी सड़कें बनवाकर विकास में योगदान करना चाहता है.
लालू को नयी-नवेली डांसरी ग्राम पंचायत का सरपंच बनाने के लिये गांव में अभियान भी चलाया जा रहा है. इस मुहिम से जुड़े युवा राहुल सोनगरा ने कहा, “हम चाहते हैं कि लालू हमारे गांव का सरपंच बने. वह भले ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है. लेकिन उसके स्वभाव को देखते हुए हमें पूरा भरोसा है कि वह सरपंच के रूप में गांव का भला करेगा.”
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