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निर्भया के गुनहगारों का वकील न होने का नया बहाना, फिर टली सुनवाई
Image Credits: Asianet News
February 13, 2020
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निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के मामले में लगातार देरी हो रही है। दोषी तमाम याचिकाओं के जरिये अपनी फांसी को टालने के लिए हर पैंतरा अपना रहे हैं। दोषियों को जल्द फांसी देने के लिए निर्भया के माता-पिता की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दी गई थी, जिसमें मांग की गई कि दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी किया जाए। लेकिन उनकी याचिका पर सुनवाई एक बार फिर टल गई है।
अदालत ने 17 फरवरी (सोमवार) तक के लिए इस मामले में सुनवाई टाल दी है, जिसकी वजह निर्भया के चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता के लिए नए वकील की नियुक्ति है। पवन गुप्ता ने बुधवार को अदालत को बताया था कि उसने अपने वकील को हटा दिया है और इसलिए उसे थोड़ा वक्त चाहिए, ताकि अदालत में उसका पक्ष सही तरीके से रखा जा सके। कोर्ट ने गुरुवार को रवि काजी को उसका वकील नियुक्त किया और मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।
हालांकि निर्भया के अभिभावकों की ओर से अदालत में पेश हुए वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि सुनवाई 15 फरवरी तक के लिए टाली जानी चाहिए, लेकिन कोर्ट ने एक बार फिर यह कहते हुए मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी कि संविधान का अनुच्छेद 21 हर किसी को अंतिम सांस तक जीवन व स्वतंत्रता का अधिकार देता है, इसलिए इस मामले में जल्दबाजी नहीं की जा सकती।
2012 Delhi gang-rape case: Delhi's Patiala House Court says, Article 21 of the Constitution protects the life and liberty of the convicts till the last breath of the life. https://t.co/7is5vLGV6T
— ANI (@ANI) February 13, 2020
वहीं, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष निर्भया के माता-पिता और सरकारी वकील ने दोषियों को फांसी देने के लिए तीसरा डेथ वारंट जारी करने की मांग की। इस बीच, निर्भया की मां ने कहा कि उन्हें इस लड़ाई को लड़ते हुए सात साल बीत चुके हैं और अब मामला बिना वजह लटकता जा रहा है। उनकी बेटी को न्याय दिलाने के लिए जल्द नया डेथ वारंट जारी किया जाए।
सरकारी वकील इरफान अहमद ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने दोषियों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन पवन की ओर से वकील एपी सिंह ने नोटिस लेने से इनकार करते हुए कहा कि अब वह उसका केस नहीं लड़ेंगे। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे में पवन को कानूनी सहायता देनी होगी। अदालत ने मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर से पूछा कि क्या वह पवन की ओर से पैरवी करने की इच्छुक हैं तो ग्रोवर ने इनकार करते हुए कहा कि यह केस बहुत पेचीदा है। इसके बाद अदालत ने लीगल ऐड के अधिकारी को वकीलों की सूची के साथ बुलाया और सूची जेल प्रशासन को देते हुए निर्देश दिया कि दोषी को इनमें से वकील चुनने के लिए कहा जाए।
यहां उल्लेखनीय है कि निर्भया के चार दोषियों में से तीन मुकेश सिंह, विनय गुप्ता और अक्षय कुमार की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहले ही खारिज कर चुके हैं, जबकि चौथे दोषी पवन गुप्ता के बाद अब भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन और राष्ट्रपति के पास दया चाचिका दायर करने का अधिकार है। इस बीच विनय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका को खारिज किए जाने को चुनौती दी है, जिस पर शीर्ष अदालत का फैसला शुक्रवार को आना है।
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