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कोरोना मृतकों के परिजनों को 4 लाख मुआवजा देने के बजाय इलाज का खर्च उठायेगी सरकार
March 16, 2020
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कोरोना वायरस से मरने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजा देने के फैसले को सरकार ने वापस ले लिया है। अब सरकार द्वारा कोरोना वायरस के इलाज में होने वाले खर्च को उठाने का फैसला किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग ने राज्यों के मुख्य सचिवों को एक पत्र जारी किया, जिसमें कोरोनोवायरस से मरने वालों के परिवारों को 4 लाख रुपये का क्लॉज एक्स-ग्राटिया भुगतान वापस ले लिया गया।
पत्र में कहा गया है, “केंद्र सरकार भारत में COVID-19 वायरस के प्रसार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा इसे महामारी घोषित करने को ध्यान में रखते हुए विशेष वन-टाइम डिस्पेंशन के माध्यम से इलाज करने का फैसला किया है। यह एसडीआरएफ के तहत सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से अधिसूचित आपदा के रूप में है। ”
गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत इस संबंध में राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
पहले मृतकों के परिजनों को चार लाख देने की हुई थी घोषणा
Home Ministry: Rs 4 lakh will be paid as ex-gratia to the family of the person who will lose their life due to #Coronavirus, including those involved in relief operations or associated in response activities. https://t.co/duQCN1yVP7
— ANI (@ANI) March 14, 2020
दरअस , मोदी सरकार ने कोरोना वायरस से मौत होने पर स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड(एसडीआरएफ) से मृतकों के परिजनों को 4 लाख की मुआवजा राशि देने का ऐलान किया था। जबकि अब सरकार ने अपने आदेश को संशोधित करते हुए कहा है कि स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड के तहत कोरोना वायरस के इलाज में होने वाले खर्च को दिया जायेगा।
इसका मतलब यह है कि अब यदि कोई कोरोना वायरस की चपेट में आता है, तो उसके आइसोलेशन और जांच से लेकर इलाज तक में होने वाला खर्च ही सरकार देगी।
सेनिटाइजर और मास्क आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में
कोरोना वायरस के बढ़ रहे प्रकोप और मास्क और हैंड सेनिटाइजर की आपूर्ति में कमी से चिंतित केंद्र ने इन दोनों वस्तुओं को 30 जून तक आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में रखने का आदेश दिया है। इसके लिए सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन किया है। मास्क और हैंड सेनिटाइजर बाजार में अधिकतर खुदरा विक्रेताओं के पास या तो उपलब्ध नहीं हैं या अत्यधिक कीमतों पर बड़ी कठिनाई के साथ उपलब्ध हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सरकार निर्माताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्हें इन वस्तुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और आपूर्ति सुचारु बनाने के लिए कह सकती है। इसके अलावा सरकार ने लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत एक एडवाइजरी भी जारी की है। इसके अंतर्गत सरकार अधिकतम खुदरा मूल्य पर दोनों वस्तुओं की बिक्री सुनिश्चित कर सकती है।
तेजी से बढ़ रहे हैं मामले
भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक इस संक्रमण के 114 मामलों की आधिकारिक पुष्टि हुई है। जबकि इस वारयरस से दो लोगों की मौत हुई है। वहीं कोरोना वायरस से प्रभावित ईरान में फंसे 234 भारतीय स्वदेश पहुंच गए हैं। वायरस के प्रकोप को देखते हुए सरकार ने अपने बॉर्डर को सील करने का फैसला किया है। बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार बॉर्डर से आवागमन पर रोक लगा दी गई है।
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