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सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों से मांगा कुछ सर्कल्स के यूजर्स का कॉल डाटा
March 19, 2020
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केंद्र सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों से देश के अलग-अलग हिस्सों के लोगों के कॉल डाटा रिकॉर्ड (CDR) की मांग की है। सरकार ने पिछले कुछ महीनों के चुनिंदा दिनों के CDR मांगे हैं।
दूरसंचार विभाग की स्थानीय इकाइयों ने कंपनियों से दिल्ली, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, केरल, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पंजाब सर्किल के यूजर्स की CDR मांगी हैं।
इससे सरकार द्वारा सर्विलांस और निजता के उल्लंघन के मामले पर फिर बहस शुरू हो गई है।
जनवरी और फरवरी में बढ़ी सरकार की मांग
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक टेलीकॉम कंपनी के अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया पिछले कई महीनों से ऐसी मांग हो रही है, लेकिन जनवरी और फरवरी में सरकार की तरफ से उनके पास बड़ी संख्या में ऐसी रिक्वेस्ट आईं।
COAI ने भेजी दूरसंचार सचिव को शिकायत
सरकार की तरफ से ऐसी मांगों को लेकर चिंता जताते हुए सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने 12 फरवरी को दूरसंचार विभाग के सचिव अंशु प्रकाश को शिकायत भी भेजी थी। इसमें लिखा गया था, ‘कुछ खास रूट या इलाकों की CDR मांगने से सर्विलांस के आरोप लग सकते हैं। खासतौर से दिल्ली जैसे इलाके की CDR मांगने से, जहां कई मंत्री, सांसद, जज और दूसरे अति महत्वपूर्ण लोग रहते हैं।’
विभाग ने नहीं बताई CDR मांगने की वजह
इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि दूरसंचार विभाग ने 2,3 और 4 फरवरी को दिल्ली के यूजर्स की CDR की मांग की थी। उस दौरान दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे थे और उसी समय दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अपने चरम पर था।हैरान करने वाली बात यह भी है कि विभाग ने CDR की मांग करते समय इसकी वजह और सब्सक्राइबर की पहचान की जानकारी नहीं दी, जो निजता का हनन है।
क्या कहते हैं इससे जुड़े नियम?
बतौर नियम, SP और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी टेलीकॉम कंपनियों से ऐसी जानकारी मांग सकते हैं और उन्हें हर महीने इसकी जानकारी जिलाधिकारी को देनी होती है। दूरसंचार विभाग द्वारा कंपनियों से की गई यह मांग नियमों का उल्लंघन करती है। इस बारे में TRAI के एक पूर्व प्रमुख ने कहा कि यह असामान्य है। एक बार डाटाबेस बनने के बाद सरकार पता लगा सकती है किसने किससे बात की। CDR मांगे जाने के पीछे कारण होना चाहिए।
सरकार की मांग पर उठ रहे सवाल
टेलीकॉम कंपनी के एक और अधिकारी ने बताया, “सरकार किसी एक व्यक्ति का डाटा नहीं मांग रही है। वो एक इलाके के सभी यूजर्स का एक दिन का डाटा मांग रही है। यह तय प्रक्रिया का उल्लंघन हैं।” जब उनसे पूछा गया कि वो सरकार के इस आदेश का पालन करेंगे तो उन्होंने कहा कि उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। टेलीकॉम सेक्टर के कई जानकार सरकार की तरफ से मिली इन रिक्वेस्ट पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
सरकार ने मांगी इन दिनों की CDR
COAI ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने आंध्र प्रदेश सर्किल के यूजर्स का 1 और 5 तारीख, दिल्ली के यूजर्स का 18 तारीख, हरियाणा में 21 तारीख, केरल और ओडिशा में 15 तारीख, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में महीने के आखिरी दिन, मध्य प्रदेश और पंजाब में बीते महीने के आखिरी और इस महीने के पहले दिन के डाटा मांगा है। इसके अलावा दिल्ली सर्किल का 2,3 और 4 फरवरी का डाटा भी मांगा गया है।
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