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(वीडियो) कोरोना संदिग्ध महिला की अंतिम संस्कार पर ग्रामीणों की पुलिस से झड़प
April 28, 2020
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कोरोना का भय इस कदर बढ़ते जा रहा है कि अब लोग मृत शरीर को भी कोरोना का कारक मान चुके हैं जब कि सरकार ने और डॉकटरों ने कई बार इस बात को समझाया है कि मृत शरीर से कोरोना नहीं फैलता। इसी सोच के साथ एक नया मामला अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में हुआ जब तोपखाना की रहने वाली महिला की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार में हंगामा हुआ। कोरोना वारियर्स (पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम) पर गांव चंदपुरा के ग्रामीणों ने पत्थरों से हमला कर दिया। पत्थरबाजी में डीएसपी, एसएचओ महेश नगर सहित करीब एक दर्जन पुलिस कर्मियों को चोटें भी आईं। पुलिस को अपने बचाव में हवाई फायर तक करना पड़ा। इतना ही नहीं जिस एंबुलेंस में महिला का शव लाया गया, उसका शीशा भी लोगों ने पत्थर मार कर तोड़ दिया।
#WATCH Haryana: A clash broke out between police & locals after the body of an elderly woman, possibly infected with #COVID19, was brought to the designated cremation ground in Chandpura, Ambala. (27.04.20) pic.twitter.com/BQEXHOAkxx
— ANI (@ANI) April 27, 2020
घटना सोमवार शाम की है। प्रशासन का तर्क था कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए संदिग्ध केसों के पूरी एहतियात के साथ अंतिम संस्कार के लिए कुछ शमशान घाट तय किए गए हैं। उन्हीं में से चंदपुरा है। ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार करने से रोकने के लिए पुलिस, नगर परिषद व स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव शुरू कर दिया। एंबुलेंस के शीशे भी तोड़ दिए। उग्र हुई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने दो से तीन हवाई फायर किए।
60 के नाम आए सामने, कुल 200 पर हुई एफआईआर दर्ज
पुलिस व स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पत्थर व लाठियों से हमला और सरकारी ड्यूटी में बाधा डालना तथा लॉकडाउन होने के बावजूद भीड़ जुटाने पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत गांव के 200 लोगों पर केस दर्ज किया। इनमें से 60 के नाम भी पुलिस के सामने आ गए हैं। साथ ही पुलिस ने इनमें से कुछ को हिरासत में ले लिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तोपखाना परेड की 80 वर्षीय महिला को सांस संबंधी बीमारी थी। रविवार को उसे कैंट सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार सुबह मौत हो गई। पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य विभाग एहतियात के तौर पर शवों के भी सैंपल लेकर कोरोना टेस्ट के लिए भेज रहा है। इस मामले में सैंपल जांच के लिए भेजा गया जिसकी रिपोर्ट आनी है। पहले स्वास्थ्य विभाग व नगर परिषद के कुछ लोग पीपीई किट पहनकर कुछ पुलिस कर्मियों व महिला के परिजनों के साथ शव लेकर गांव पहुंचे।
ग्रामीण विरोध करने लगे। इस पर एसडीएम सुभाष सिहाग, डीएसपी रामकुमार, महेश नगर थाना एसएचओ रजनीश यादव सहित कई अन्य थाना एसएचओ पुलिस बल के साथ पहुंचे। ग्रामीणों ने गांव में महिला का संस्कार करने का विरोध किया, क्योंकि वह महिला गांव की नहीं थी। मामला नहीं सुलझा और तीखी नोंक-झोंक पथराव में तब्दील हो गई। ग्रामीणों ने जमीन पर पड़े गटके की ढेरियों और डंडों, ईंटों से पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने हवाई फायर और लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को खदेड़ा। मोके पर महेश नगर, साहा, मुलाना, कैंट, पड़ाव एसएचओ भी पुलिस बल के साथ पहुंच गए।
अब करीब 200 लोगों पर केस दर्ज करने की कार्रवाई हो रही है। जानलेवा हमला करने, लॉकडाउन तोड़ने, धारा 144 तोड़ने और संक्रमण का खतरा बढ़ाने की धाराएं लगाई जा रही हैं। 15 से 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है। प्रशासन ने देर शाम महिला का अंतिम संस्कार कराया।
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