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एमईएस की कुल 13,157 वैकेंसी में से 9304 पदों को खत्म करने के प्रस्ताव पर रक्षामंत्री की मुहर
Image Credits: jagran/watsupptoday
May 8, 2020
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रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए मिलिट्री इंजिनियरिंग सर्विस (military engineering services) के 9,300 से अधिक पदों को खत्म करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य क्षमता बढ़ाने और रक्षा खर्च को संतुलित करने के लिए बनाई गई लेफ्टिनेंट जनरल शेकतकर समिति की सिफारिशों को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) में बेसिक और इंडस्ट्रियल वर्कफोर्स के 9304 पद समाप्त कर दिए जाएंगे।
Important. Defence minister @RajnathSingh approves abolition of 9,304 posts in Military Engineering Service (MES) in line with reco of Lt Gen Shekatkar Committee on optimising/rebalancing combat capability in the armed forces.
— Shiv Aroor (@ShivAroor) May 7, 2020
द हिन्दू अखबार के अनुसार रक्षा मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी बयान में कहा गया है कि एमईएस के इंजीनियर इन चीफ ने एमईएस में बुनियादी और इंडस्ट्रियल वर्कफोर्स के 9,304 पदों को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्री ने मंजूरी दे दी। यह प्रस्ताव ले़ जनरल शेकतकर की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के अनुरूप है। समिति ने सशस्त्र सेनाओं की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने और रक्षा खर्च में कमी के उपायों के तहत यह सिफारिश की थी।
रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, “समिति द्वारा की गई सिफारिशों में से एक सिविल वर्कफोर्स को इस तरह से पुनर्गठित करना था कि रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों द्वारा एमईएस का काम आंशिक रूप से किया जा सके और अन्य कार्यों को आउटसोर्स किया जा सके।”
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh reviewed the Shekatkar Committee recommendations on enhancing combat capabilities at a high-level meeting in New Delhi, today. pic.twitter.com/MWYGrR5PoT
— ADG (M&C) DPR (@SpokespersonMoD) April 20, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा “ई-इन-सी (इंजीनियर-इन-चीफ) एमईएस के प्रस्ताव के आधार पर समिति द्वारा की गई सिफारिशों के अनुरूप, मूल और औद्योगिक कर्मचारियों की कुल 13,157 रिक्तियों में से 9,304 पदों को समाप्त करने का प्रस्ताव है।”
शेकतकर कमिटी की सिफारिश
मई, 2016 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने लेफ्टिनेंट जनरल डीबी शेकतकर की अगुवाई में 11 सदस्यों की एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई थी। इस कमिटी का उद्देश्य आर्म्ड फोर्सेज की क्षमता बढ़ाने और रक्षा खर्च को संतुलित करने के उपाय सुझाना था। दिसंबर, 2016 में शेकतकर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. उसमें सैन्य सुधारों की बातें थीं। इंजीनियरिंग कोर का आकार घटाने और मझोले स्तर के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए जॉइंट सर्विसेज वॉर कॉलेज बनाने की सलाह थी। वहां गोली-बारी की ट्रेनिंग का खर्च सिमुलेटर्स की मदद से कम करने जैसे सुझाव भी दिए गए थे। शेकतकर समिति की कुछ अन्य सिफारिशें जो लागू की गई हैं, उनमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद का निर्माण और सैन्य मामलों का विभाग शामिल हैं। भारत ने पूर्व सेना प्रमुख बिपिन रावत को पिछले साल के अंत में भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नामित किया।
क्या है एमईएस?
बता दें कि एमईएस (MES) भारत में सबसे पुरानी और सबसे बड़ी सरकारी रक्षा बुनियादी ढांचा विकास ऐजेंसियों में से एक है। यह मुख्य रूप से भारतीय सेनाओं, आयुर्विज्ञान कारखानों, डीआरडीओ और भारतीय तट रक्षक सहित भारतीय सशस्त्र बलों के लिए इंजीनियरिंग और निर्माण कार्यों का प्रबन्धन करती है। MES के पूरे देशभर में 600 से ज्यादा स्टेशन हैं। इनके जरिए MES एयरफोर्स, नौसेना, भारतीय सेना और DRDO को इंजीनियरिंग सपोर्ट उपलब्ध कराता है। MES एक सैन्य संगठन है, लेकिन इसके कर्मचारियों और अधिकारियों में आर्मी और सिविलियन, दोनों घटक शामिल हैं।
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