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गृह मंत्रालय: CAPF कैंटीन में ‘स्वदेशी’ उत्पादों पर सरकार का फैसला वापस नहीं लिया गया है
May 22, 2020
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गृह मंत्रालय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की कैंटीन को केवल भारतीय उत्पाद बेचने के लिए कहने के सरकार के आदेश को वापस नहीं लिया गया है कई मीडिया रिपोर्टों में यह कहा कि सरकार ने इस फैसले को वापस लिया है.
MHA के प्रवक्ता ने कहा, “कुछ मीडिया रिपोर्ट केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (KPKB) के आदेश को भ्रमित कर रही है.”
Some media reports have been confusing the KPKB order to put purchases on hold, with MHA's decision to sell only made in India products at the CAPF canteens & stores across the country.
MHA decision still stands.@HMOIndia
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) May 21, 2020
भ्रम की स्थिति उस समय पैदा हुई जब केंद्रीय पुलिस कैंटीन के प्रभारी आरएम मीणा ने पहले के आदेश को वापस लेते हुए कैंटीन से कंपनियों से नए उत्पादों को खरीदने के लिए रुकने को कहा, कई मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया कि सरकार ‘स्वदेशी’ सामान वाले अपने आदेश वापस ले रही थी.
केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (KPKB) ने एमएचए से स्वदेशी के मानदंड को विस्तार से बताने के लिए एमएच से अनुरोध करने के बाद सभी अर्धसैन्य बलों की कैंटीना को भेजे एक आदेश में कहा है कि जब तक कि स्वेदश फर्म और प्रोडक्ट के बारे में एमएचए से निर्देश प्राप्त नहीं हो जाते हैं, तब तक सभी कैटेगरी के खरीदी/आपूर्ति के आर्डर तत्काल रोक दिए जाएं.
गृह मंत्रालय ने कहा है कि केवल भारतीय उत्पादों को 1 जून से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) कैंटीन के माध्यम से बेचा जाएगा और इनकी खरीद खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) से की जाएगी.
15 मई को, सीपीसी प्रमुख ने कैंटीनों से उत्पादों की नए सिरे से खरीद करने को रोकने को कहा था, जब तक कि गृह मंत्रालय द्वारा ‘स्वदेशी’ शब्द की परिभाषा स्पष्ट न हो जाए.
चूंकि गृह मंत्रालय से ‘स्वदेशी’ सामानों की परिभाषा अभी तक तय नहीं हुई है, इसलिए अधिकारी ने 15 मई के आदेश को वापस ले लिया क्योंकि यह कैंटीनों को आपूर्ति को प्रभावित कर रहा था.
बता दें कि CAPF की कैंटीनों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की कैंटीनें आती हैं.
2006 में इस नेटवर्क को स्थापित किया गया था और इसके तहत देशभर की विभिन्न जगहों पर करीब 119 मास्टर कैंटीन और 1,625 सहायक कैंटीन चलती हैं. सीमावर्ती और नक्सल प्रभावित इलाकों में भी ये कैंटीन हैं.
CAPF नेटवर्क की इन कैंटीनों में किराने का सामान, कपड़े, गिफ्ट आइटम और वाहन समेत घरेलू इस्तेमाल के हर तरह के उत्पाद मिलते हैं. हालांकि इनमें शराब की बिक्री नहीं होती और अर्धसैनिक बलों के जवान सेना की कैंटीनों या खुले बाजार से शराब खरीदनी होती है. लगभग 10 लाख CAPF जवानों के 50 लाख से अधिक परिजन इन कैंटीनों से साल में तकरीबन 2,800 करोड़ रुपये की खरीदारी करते हैं.
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