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वीडियो देखिये, दिल्ली में आवारा कुत्तों की मदद के लिए गयी NGO की महिला के साथ भीड़ ने की मारपीट
Image Credits: Neighbourhoodwoof/Facebook
July 7, 2020
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लावारिस कुत्तों की मदद के लिए कई एनजीओ हैं. ऐसी ही एक संस्स्था है ‘Neighbourhood Woof’ जो दिल्ली में आवारा कुत्तों की देखभाल करती है। ये NGO आयशा क्रिस्टीना चलाती हैं। कुत्तों की मदद के लिए आयशा अपने कुछ साथियों के साथ दिल्ली के रानी बाग इलाके में गईं थीं। पर वहां कुछ लोगों ने कथित तौर पर उनके और उनके साथियों के साथ मारपीट की. इसमें उन्हें चोट आई। थाने पहुंचकर आयशा ने पूरा घटनाक्रम वीडियो के माध्यम से बताया। आरोप लगाया कि पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही है। पर बाद में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। आयशा का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो रहा है।
Aayesha Christina running animal shelter – "Neighborhoodwoof" in #Delhi. She and her helping mates were beaten while rescuing dogs.
Why there is so much cruelties?@Cmodelhi @ArvindKejriwal@CPDelhi @DelhiPolice @LtGovDelhi @Manekagandhibjp @gauri_maulekhi @asharmeet02 pls help. pic.twitter.com/OsrwNhl1GZ— Streetdogsofbombay #Feedastrayeveryday (@streetdogsof) July 4, 2020
3 जुलाई की रात लगभग 10.30 बजे, रानी बाग पुलिस स्टेशन में दो पक्षों के बीच झगड़े के बारे में 3 पीसीआर को खबर मिली, कि “नेबरहुड वूफ़” नामक एक एनजीओ और ऋषि नगर, रानी बाग के स्थानीय निवासियों के बीच कहा सुनी और हाथ पाई हो रही है, इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची और यह खुलासा किया कि ऋषि नगर में आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए “नेबरहुड वूफ” नामक एक एनजीओ के कुछ लोग आए थे।
वीडियो में आयशा कहती है कि ये अब तो देश में रोज का हो गया है। हम ये सब सहने के आदी हो गए हैं। कुछ नया नहीं है. ये हमेशा होता रहता है। वीडियो में आएशा पुलिस की तरफ भी कैमरा करके दिखाते हुए कहती हैं कि ये लोग भी उन्हें कितना सीरीयसली ले रहे हैं, देख सकते हैं।
स्टाफ मेंबर्स के कपड़े फटे हुए हैं और चोट लगी हुई है। साथ ही अपनी गाड़ी भी दिखाती हैं, जो डैमेज हो गई है। आयशा ने कहा कि लोगों ने उनकी कार पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया था, जैसे-तैसे उन्होंने खुद को बचाया।
इंडियन एक्सप्रेस को आयशा ने बताया , “लगभग 30 पुरुष रहे होंगे। वे मेरे कर्मचारियों के साथ हिंसक होने लगे। वो हमारी कार के अंदर घुसना चाह रहे थे, जो सड़क के अंदर खड़ी थी। ” उन्होंने खुद को कार के अंदर बंद कर लिया था, लेकिन भीड़ ने उन्हें घेर लिया था। उन्होनें कहा, “लोग हमें गालियाँ दे रहे थे, हमें मारने और बलात्कार करने की धमकी दी और हमारे ऊपर फेंकने के लिए पत्थर उठाए। “
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