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मोदी कैबिनेट ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना को मंजूरी दी, रेलवे, बैंकिंग और स्टॉफ सेलेक्शन के लिए एक परीक्षा
Image Credits: Deshdoot/NDTV
August 20, 2020
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस साल बजट में किए गए एलान के मुताबिक, मोदी कैबिनेट ने बुधवार को नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना को मंजूरी दे दी है. यह एजेंसी कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का संचालन करेगी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और जितेंद्र सिंह ने मोदी कैबिनेट की बैठक के बाद यह एलान किया है. जावड़ेकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की हुई बैठक के प्रमुख फैसलों के बारे में बात करते हुए कहा कि इस फैसले से देश में नौकरी की तलाश कर रहे लाखों युवाओं को मदद मिलेगी.
The #NationalRecruitmentAgency will prove to be a boon for crores of youngsters. Through the Common Eligibility Test, it will eliminate multiple tests and save precious time as well as resources. This will also be a big boost to transparency. https://t.co/FbCLAUrYmX
— Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2020
मौजूदा समय में कई एजेंसियां मौजूद
लाइव मिंट के अनुसार नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी केंद्रीय स्तर पर सभी सरकारी नौकरियों की नियुक्ति के लिए एक नोडल एजेंसी के तौर पर काम करेगी. वर्तमान में सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए कई एजेंसियां शामिल हैं. इनमें संवैधानिक संस्था संघ लोक सेवा आयोग से लेकर स्टाफ सिलेक्शन कमीशन मौजूद है. NRA यह कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट ग्रुप-सी और ग्रुप-बी पदों के लिए कैंडिडेट को चुनने के लिए लेगा.
अब रेलवे, बैंकिंग और स्टॉफ सेलेक्शन के लिए अलग-अलग नहीं बल्कि सिर्फ एक ही परीक्षा देनी होगी. ये उम्मीदवार एक सामान्य योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे और उच्च स्तर की परीक्षा के लिए किसी या इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर पाएंगे. राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) ग्रुप बी और सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्मीदवारों की सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) लेगी. एनआरए एक बहु-एजेंसी निकाय होगी जिसमें रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
भारत सरकार में सचिव सी चंद्रमौलि जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में जावड़ेकर के साथ मौजूद थे, उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार में भर्ती के लिए 20 से ज्यादा रिक्रूटमेंट एजेंसियां हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अभी सरकार केवल तीन एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले एलिजिबिलिटी टेस्ट को संयुक्त करने की सोच रही है और सभी रिक्रूटमेंट एजेंसियों और उनके एलिजिबिलिटी टेस्ट को भविष्य में नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के अधीन लाया जाएगा.
एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इसके दायरे में रेलवे भर्ती परीक्षा, बैंकों की भर्ती परीक्षा और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) आयेंगे. परीक्षा आयोजित करने के लिये हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र स्थापित किया जायेगा.
3 साल की अवधि के लिए मान्य रहेगा टेस्ट
इस मौके पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उन ऐतिहासिक सुधारों में से एक है जिससे भर्ती, चयन और नौकरी की प्रक्रिया की आसान होगी. एजेंसी के कामकाज के बारे में जानकारी देते हुए सिंह ने कहा कि कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) तीन साल की अवधि के लिए मान्य रहेगा जिसके दौरान इसे क्वालिफाई करने वाले कैंडिडेट सरकार के अलग-अलग विभागों में अपनी प्राथमिकता और कुशलता के मुताबिक अप्लाई कर सकते हैं.
सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है.
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