
सचेत
सुदर्शन न्यूज़ के ‘UPSC जिहाद’ के दावे पर आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन का फूटा गुस्सा
August 28, 2020
SHARES
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) एसोसिएशन ने 28 अगस्त को सुदर्शन न्यूज के प्रमुख सुरेश चव्हाणके की आलोचना उनकी एक ट्वीट के लिए की जिसमें उन्होनें सिविल सर्विस में मुसलमानों की बढ़ती संख्या पर सवाल उठाते हुए एक शो का प्रचार किया था. साथ ही दावा किया था कि वो इस बात का अपने शो पर पर्दाफाश करेंगे.
A news story targeting candidates in civil services on the basis of religion is being promoted by Sudarshan TV.
We condemn the communal and irresponsible piece of journalism.
— IPS Association (@IPS_Association) August 27, 2020
समाचार चैनल सुदर्शन न्यूज ने गुरुवार को 28 अगस्त को प्रसारित होने वाले अपने एक शो का ट्रेलर जारी किया है. इसमें चैनल के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके ‘नौकरशाही में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र का बड़ा खुलासा’ करने का दावा कर रहे हैं.
#सावधान
लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ कार्यपालिका के सबसे बड़े पदों पर मुस्लिम घुसपैठ का पर्दाफ़ाश.देश को झकझोर देने वाली इस सीरीज़ का लगातार प्रसारण प्रतिदिन. शुक्रवार 28 अगस्त रात 8 बजे से सिर्फ सुदर्शन न्यूज़ पर.@narendramodi @RSSorg pic.twitter.com/B103VYjlmt
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 25, 2020
ट्रेलर सामने आने के बाद से ही इसे लेकर चौतरफा आलोचना शुरू हो गई है और कार्यक्रम का लहजा सांप्रदायिक होने के कारण इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की जा रही है.
टीज़र में वो पूछते दिख रहे हैं कि “हाल ही में मुस्लिम IPS और IAS अधिकारियों की संख्या कैसे बढ़ी है?” “क्या होगा अगर ‘जामिया के जिहादी’ देश में सत्ता के पदों पर आसीन हो जाए?”
चव्हाणके ने 26 अगस्त को हैशटैग ‘यूपीएससी जिहाद’ के साथ सिविल सर्विसेज में “मुसलमानों की घुसपैठ” पर “एक्सपोज़” कहते हुए आगामी शो का प्रोमो ट्वीट किया था।
भारतीय पुलिस फाउंडेशन ने भी वीडियो पर प्रतिक्रिया दी और इसे शुद्ध जहर के रूप में संदर्भित किया।
The hate story carried on a Noida TV channel against minority candidates joining IAS /IPS is dangerous bigotry. We refrain from retweeting it because it is pure venom. We hope #NewsBroadcastingStandardsAuthority, #UPPolice and concerned government authorities take strict action.
— Indian Police Foundation (@IPF_ORG) August 27, 2020
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘आईएएस/आईपीएस में शामिल होने वाले अल्पसंख्यक व्यक्तियों के खिलाफ नोएडा के टीवी चैनल पर चलाई जा रही हेट स्टोरी खतरनाक कट्टरता है. हम इसे रीट्वीट नहीं कर रहे हैं क्योंकि यह पूर्णतया जहर है. हमें उम्मीद है कि न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी, यूपी पुलिस और संबंधित सरकारी अथॉरिटी सख्त कार्रवाई करेगी.’
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने भी ट्वीट किया
Jamia Millia Islamia plans legal action against Sudarshan channel for offensive promo.#JamiaMilliaIslamia#SuspendSureshChavhankehttps://t.co/9jUtaku5BL
— Jamia Millia Islamia (@jamiamillia_) August 27, 2020
वहीं, सुरेश चव्हाणके ने आईपीएस एसोसिएशन के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा कि मुद्दे को जाने बगैर वे इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं. चव्हाणके ने कहा है कि यदि संगठन चाहता है तो वे उनके शो में आकर अपनी बात रख सकते हैं.
Unfortunate that @IPS_Association twisting without knowing the issue.
Issue is sudden spike in no of people of certain category selected in UPSC Civils in the last few years.
You're invited to participate in our program for informed discussion, if you care for UPSC objectivity. https://t.co/jy4wJXhljk
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 27, 2020
भारत में विभिन्न सिविल सेवाओं की परीक्षाओं की जिम्मेदारी केंद्रीय लोक सेवा आयोग की है, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक लंबी प्रक्रिया में इन्हें आयोजित करवाता है. भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में जाने के इच्छुक उम्मीदवार इनमें हिस्सा लेते हैं.
हालांकि इन परीक्षाओं में उम्र, शैक्षणिक योग्यता, इम्तिहान देने के प्रयासों के बारे में कई नियम हैं, लेकिन किसी भी धर्म के भारतीय इसमें भाग ले सकते हैं.
यहां तक कि यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर सिविल सेवा परीक्षा के विषयों की लिस्ट में इस्लामिक स्टडीज का उल्लेख नहीं है. यहां यूपीएससी के विषयों की लिस्ट दी गई है, जिससे यह साबित होता है कि इस्लामिक स्टडीज को यूपीएससी सिलेबस में शामिल करने का दावा करने वाली वायरल खबर फेक और निराधार है.
अपने विचारों को साझा करें