
ख़बरें
हिमाचल प्रदेश: सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे दो मजदूर की मौत
August 30, 2020
SHARES
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में पंधेड़ गांव में सेप्टिक टैंक में जहरीली गैस से दो मजदूरों की मौत हो गई। दोनों मजदूर नए बने टैंक में शेटरिंग खोलने के लिए उतरे थे।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया उनकी पहचान हमीरपुर जिले के चामनेड़ गांव के देस राज (48) और उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के निवासी गुरबचन (30) के रूप में हुई।
कई बार आवाज लगाने के बाद भी दोनों ने जवाब नहीं दिया तो बाहर से तीसरे मजदूर ने टैंक के अंदर झांककर देखा। इस दौरान दोनों अचेत पड़े थे। मजदूर ने शोर मचाकर आसपास के लोगों को इकट्ठा किया। दमकल विभाग और पुलिस को सूचना दी गई। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने दोनों को टैंक से निकाला और एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं और मामले की पड़ताल भी शुरु कर दी है।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की यह घटना है। देशराज गांव चमनेड़ और गुरवचन निवासी बदायूं (उत्तरप्रदेश) चमनेड़ गांव में दिहाड़ी लगाने पहुंचे थे। दोनों नए बने सेप्टिक टैंक की शटरिंग खोलने के लिए उतरे। इस दौरान तीसरा मजदूर बाहर खड़ा था। दोनों को आवाज लगाने पर कोई जवाब नहीं मिला तो शोर मचाया। दमकल विभाग और पुलिस ने जेसीबी की सहायता से पहले टैंक का लेंटर तुड़वाया। इसके बाद दमकल कर्मी आक्सीजन सिलेंडर के साथ टैंक में गए और दोनों को निकाला।
कुछ लोगों ने टैंक में उतरने की कोशिश भी की, लेकिन जहरीली गैस के डर से नहीं उतर पाए। देशराज अपने पीछे दो बेटे, दो बेटियां, पत्नी और बूढ़े माता-पिता छोड़ गया है। गुरवचन की पत्नी और दो छोटे बच्चे छूट गए हैं। हमीरपुर के एसपी गोकुलचंद्र ने मामले की पुष्टि की है। एसपी गोकुलचंद्रन ने बताया कि पुलिस ने मौके पर जाकर छानबीन की है और मामला दर्ज किया है।
बता दें कि इसी महीने की शुरूआत में झारखंड के देवघर जिले में एक निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक के भीतर उतरे छह लोगों की जहरीली गैस के कारण मौत हो गई थी।
उससे पहले जुलाई महीने में तमिलनाडु में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान चार युवकों की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया था कि मृतकों में से तीन पहले भी मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में काम किया था लेकिन एक ने नहीं किया था। वह उनके साथ इसलिए काम पर गए थे, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी कारण दिहाड़ी मजदूरी नहीं मिल रही थी।
बीते जून महीने में छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में सेप्टिक टैंक की सफाई करने के दौरान जहरीली गैस के प्रभाव में आने से सफाई कर्मचारी समेत चार लोगों की मौत हो गई थी।
अपने विचारों को साझा करें