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कोरोना से ठीक हो गए हैं तो उसके बाद क्या करें? स्वास्थ्य मंत्रालय की इन बातों का फायदा उठाएं
Image Credits: Financial Express
September 14, 2020
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भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 92,071 नए मामले सामने आए और 1,136 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा.
इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 48,46,427 हो गई है, वहीं 79,722 लोगों को इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है. सक्रिय मामलों की संख्या 9,86,598 है.
देश में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर 77.77 फीसदी है. हालांकि ऐसा देखा गया है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी कई लोगों में स्वास्थ्य से जुड़ी दूसरी समस्याएं आने लगती हैं. इस कारण कई बार लोगों को दोबारा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है.
इन बढ़ते आंकड़ों के मद्देनज़र सरकार ने कोरोना से ठीक हो चुके लोगों के लिए कुछ विशेष गाइडलाइन ज़ारी की है.
इनमें कहा गया है कि च्यवनप्राश, हल्दी दूध और इम्युनिटी को बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं जैसे मुलेठी पाउडर, अश्वगंधा आदि का सेवन बीमारी से रिकवर होने के बाद शरीर को भविष्य के लिए और मजबूत बनाता है.
Consume Chyawanprash, turmeric milk and AYUSH approved medicines in post-COVID recovery period: Health Ministry
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— ANI Digital (@ani_digital) September 13, 2020
व्यक्तिगत स्तर पर ये करें
1. मास्क पहने, साफ सफाई रखें और देह से दूरी बनाए रखें.
2. अच्छी मात्रा में पानी पिए.
3. आयुष मंत्रालय की इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाई लें.
4. अगर स्वास्थ्य इजाजत देता है तो घर का नियमित काम करें, प्रोफेशनल काम धीरे-धीरे शुरू करें.
5. हल्की या मध्यम एक्सरसाइज करें.
– रोजाना योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन करें.
– इलाज करने वाले डॉक्टर ने सांस की एक्सरसाइज जैसे बताई हो वैसे करें
– सुबह या शाम वॉक करें.
6. संतुलित आहार लें अच्छा रहेगा कि आप आसानी से पचने वाला नरम ताजा खाना खाएं.
7. पर्याप्त नींद लें और आराम करें.
8. धूम्रपान और शराब से परहेज करें.
9. कोरोना और पुरानी बीमारी के लिए जो दवाई बताई गई हैं वह नियमित रूप से लें. डॉक्टर को आप सारी जानकारी दें कि आप एलोपैथिक या आयुष मंत्रालय की दवाई ले रहे हैं जिससे सब मिल ना जाये.
10. घर पर सेल्फ हेल्थ मॉनिटरिंग करें जैसे कि तापमान, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, पल्स ऑक्सीमीटर आदि.
11. अगर सूखी खांसी या गले में खराश बनी हुई है तो गरारे करें और भाप लें/ इसमें औषधि या मसाले का इस्तेमाल किया जा सकता है. एलोपैथिक डॉक्टर या आयुष डॉक्टर की बताई दवाई खांसी के लिए इस्तेमाल करें.
12. शुरुआती चेतावनी के लक्षणों पर ध्यान दें जैसे कि तेज़ बुखार, सांस लेने में दिक्कत और ऑक्सीजन का स्तर 95 फ़ीसदी से नीचे, बिना कारण सीने में दर्द, कमज़ोरी आदि.
Union Health Ministry issues 'post COVID-19 management protocol'; use of Chyawanprash, Yogasana, Pranayama and walks among suggestions. pic.twitter.com/aNLzi6P3hw
— ANI (@ANI) September 13, 2020
सामाजिक स्तर पर ये करें
1. कोरोना से ठीक हो चुके लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ अपने सकारात्मक अनुभव साझा करें. आप सोशल मीडिया, समाज के नेता, ओपिनियन लीडर या धर्म गुरुओं के जरिए दी जागरूकता फैला सकते हैं और इस बारे में फैलने वाले भ्रम आदि को दूर कर सकते हैं.
2. आप इनकी मदद ले सकते हैं- सेल्फ हेल्प ग्रुप, सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन और ऐसे पेशेवर लोग जो रिकवरी और रिहैबिलिटेशन प्रोसेस पर काम करते हैं( मेडिकल,सोशल,ऑक्यूपेशनल,लाइवलीहुड).
3. आप सहकर्मियों से, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर से , काउंसलर से साइको-सोशल सपोर्ट ले सकते हैं. अगर जरूरत हो तो मेंटल हेल्थ सपोर्ट सर्विस लें.
4. योगा और मैडिटेशन के ग्रुप सेशन में हिस्सा लें। लेकिन सभी तरह के एहतियात ले और देह से दूरी बनाए रखें.
अस्पताल में ये करें
1. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 7 दिन के भीतर या तो शारीरिक रूप से या टेलीफोन के जरिए एक फॉलो-अप विज़िट करें. अच्छा होगा कि उसी अस्पताल में यह फॉलोअप विजिट हो जहां पर मरीज का ट्रीटमेंट हुआ.
2. इसके बाद का ट्रीटमेंट और पोल ऑफ बजट पास के किसी अच्छे एलोपैथिक डॉक्टर या आयुष प्रैक्टिशनर या अन्य सिस्टम की मेडिकल फैसिलिटी में कर सकते हैं. पॉली थेरेपी से बचें क्योंकि अनजान दवाई आपस मे मिल सकती हैं और विपरीत परिणाम हो सकते हैं.
3. ऐसे मरीज जो होम आइसोलेशन में रहे हैं, अगर उनको लगातार लक्षण बने हुए हैं तो वो पास के अस्पताल में जाएंगे.
4. जो केस गंभीर हैं, क्रिटिकल केयर सपोर्ट की जरूरत है उनका सख्त फॉलो अप होना चाहिए.
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