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सरकार: ‘लॉकडाउन में मरे प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा नहीं, तो मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता’
Image Credits: Economic Times
September 15, 2020
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संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है, विपक्ष की ओर से इस बार लिखित तरीके से सवाल पूछे जा रहे हैं. कोरोना संकट काल और लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों पर काफी संकट आया था, सरकार से इसी मसले पर सवाल पूछा गया.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने सोमवार को लोकसभा में बताया है कि प्रवासी मजदूरों की मौत पर सरकार के पास आंकड़ा नहीं है, ऐसे में मुआवजा देने का ‘सवाल नहीं उठता है’.
कोरोनावायरस के बीच हो रहे पहले संसदीय सत्र में मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या सरकार के पास अपने गृहराज्यों में लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का कोई आंकड़ा है? विपक्ष ने सवाल में यह भी पूछा था कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि इस दौरान कई मजदूरों की जान चली गई थई और क्या उनके बारे में सरकार के पास कोई डिटेल है? साथ ही सवाल यह भी था कि क्या ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता या मुआवजा दिया गया है?
इसपर केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने अपने लिखित जवाब में बताया कि ‘ऐसा कोई आंकड़ा मेंटेन नहीं किया गया है. ऐसे में इसपर कोई सवाल नहीं उठता है.’
इसपर कांग्रेस नेता दिग्विजिय सिंह ने कहा कि ‘यह हैरानजनक है कि श्रम मंत्रालय कह रहा है कि उसके पास प्रवासी मजदूरों की मौत पर कोई डेटा नहीं है, ऐसे में मुआवजे का कोई सवाल नहीं उठता है. कभी-कभी मुझे लगता है कि या तो हम सब अंधे हैं या फिर सरकार को लगता है कि वो सबका फायदा उठा सकती है.’
इसे लेकर अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हमला बोला है. राहुल गांधी ने मोदी सरकार से पूछा कि सरकार ने अगर प्रवासियों के मौत का रिकॉर्ड नहीं रखा तो क्या मौतें नहीं हुईं?
मंगलवार सुबह ट्वीट कर राहुल गांधी ने सरकार से सवाल किया, ‘मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियां गईं. तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई? हां मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई, उनका मरना देखा ज़माने ने, एक मोदी सरकार है जिसे खबर ना हुई.’
मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियाँ गयीं।
तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई?
हाँ मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई,
उनका मरना देखा ज़माने ने,
एक मोदी सरकार है जिसे ख़बर ना हुई।— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 15, 2020
मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देशभर में लॉकडाउन लगने का ऐलान किया था, जिसके बाद लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर बेघर और बिना रोजगार वाली स्थिति में आ गए थे, कइयों को उनके घर से निकाल दिया गया, जिसके बाद वो अपने गृहराज्य की ओर निकल पड़े थे. कुछ जो भी गाड़ी मिली, उससे आ रहे थे तो कुछ पैदल ही निकल पड़े थे. ये मजदूर कई दिनों तक भूखे-प्यासे पैदल चलते रहे. कइयों ने घर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया था.
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