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30 साल के इंतज़ार के बाद भी जब नहीं बना पुल तो गाँव वालों ने चंदे और श्रमदान से बना लिया
Image Credits: Twitter/ANI/New Indian Express
September 18, 2020
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बिहार के गया की पहचान ऐसे तो स्वादिष्ट तिलकुट और विश्व प्रसिद्घ पर्यटकस्थल के लिए है, लेकिन यहां के लोग जीवटता के लिए भी चर्चित रहे हैं। इसी गया की चर्चा दशरथ मांझी के पहाड़ काटकर रास्ता बनाने को लेकर हुई थी, उसी गया के वजीरगंज के बुद्घौल गांव के ग्रामीणों ने श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर एक पुलिया का निर्माण कर डाला। ग्रामीणों के मुताबिक, इस पुलिया के पाये का निर्माण तो 20-25 साल पहले हुआ था, लेकिन उसके बाद यह ऐसे ही पड़ा रहा। ग्रामीणों का कहना है कि 30 अगस्त को गांव में ही आमसभा हुई और पुलिस की तरफ से निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया गया और दूसरे ही दिन काम शुरू कर दिया गया। बुधवार को इस पुलिया का निर्माण कार्य करीब-करीब पूरा भी कर लिया गया।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता चितरंजन कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘गांव के लोगों ने राज्य सरकार से कई बार पुल के काम को पूरा करवाने की गुहार लगाई , लेकिन सरकार की तरफ से उनको कोई जवाब नहीं मिला।’
चितरंजन कुमार ने बताया कि हाल ही में ग्रामीणों ने पंचायत बुलाई थी, जिसमें स्थानीय लोगों ने पुल को खुद ही बनाने का फैसला लिया। पुल के काम को पूरा करने के लिए कुछ ग्रामीण सामान खरीदने में मदद कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग मजदूर के रूप में मदद कर रहे हैं, जिससे पुल जल्द से जल्द बन सके।
इस पुल के बन जाने से बुधौल और मादरडीह गाँव के बीच की दूरी 15 किलोमीटर से घट कर 1 किलोमीटर रह जाएगी। पुल का निर्माण 1990 से रुका हुआ था और उस समय इसकी लागत 11.34 लाख थी।
Bihar: Villagers of Budhaul in Gaya have started construction of a bridge in their village that was pending for almost 30 years. A local says, "We have been demanding the construction of this bridge but govt didn't fulfil it. So the villagers decided to construct it themselves." pic.twitter.com/mfWAkMQFhv
— ANI (@ANI) September 17, 2020
इसके पहले गया के लौंगी भुइयां भी इन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने इमामगंज और बांकेबाजार की सीमा पर जंगल में बसे कोठीलवा गांव के लोगों की गरीबी दूर करने के लिए पांच किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली। भुइयां ने 20 साल में पांच किलोमीटर लंबी, चार फुट चौड़ी और तीन फुट गहरी नहर की खुदाई कर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा दिया। इस मामले को लेकर वजीरगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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