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वीडियो देखिए, सऊदी अरब में लॉकडाउन में बरोजगार हुए 450 भारतीय चार महीने से डिटेंशन सेंटर में
September 22, 2020
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कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन में दुनियाभर में लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. इस बीच सऊदी अरब में 450 भारतीय मजदूरों को भी तगड़ा झटका लगा है. बिगड़ती हालत के चलते उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन अधिकारियों का उनका भीख मांगना भी रास नहीं आया. ऐसे में अब प्रशासन ने सभी भारतीयों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया है, जहां उनकी हालत दयनीय बनी हुई है.
.@PMOIndia Sir, 450 Indians stuck up in Sumeshi Jail since last four months, Ask @DrSJaishankar & @HardeepSPuri to speak with Saudi authorities & speed up there repatriation soon.@meaMADAD @HelplinePBSK @MoCA_GoI @IndianEmbRiyadh @CGIJeddah @PramodChturvedi @sushilrTOI @sowmith7 pic.twitter.com/B2n1hzDS4Y
— Amjed Ullah Khan MBT (@amjedmbt) September 14, 2020
वी फॉर न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक ये मजदूर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कश्मीर, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र से हैं. इन मजदूरों का वर्क परमिट एक्सपायर हो चुका है और लॉकडाउन के चलते वापस अपने वतन भी नहीं जा पाए हैं. मजबूरी में इन्हें भीख मांगनी पड़ रही है. इससे जुड़े कुछ विडियो भी वायरल हो रहे हैं जिसमें भारतीय मजदूर कह रहे हैं कि उनका अपराध सिर्फ इतना ही था कि वे भीख मांग रहे थे.
भारतीय मजदूरों के भीख मांगने की सूचना पर अधिकारियों ने सभी के किराए के घर पर जाकर उनकी पहचान की और बाद में सभी को डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया. इन मजदूरों में से 39 उत्तर प्रदेश, 10 बिहार, 5 तेलंगाना और 4-4 महराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक से हैं, जबकि आंध्र प्रदेश का एक मजदूर है. विडियो में कई मजदूर रोते हुए दिख रहे हैं. उनका कहना है कि वह बहुत ही निराशाजनक स्थिति में फंसे हुए हैं.
.@PMOIndia Sir, 450 Indians stuck up in Sumeshi Jail since last four months, Ask @DrSJaishankar & @HardeepSPuri to speak with Saudi authorities & speed up there repatriation soon.@meaMADAD @HelplinePBSK @MoCA_GoI @IndianEmbRiyadh @CGIJeddah @PramodChturvedi @sushilrTOI @sowmith7 pic.twitter.com/1FRyaimkrz
— Amjed Ullah Khan MBT (@amjedmbt) September 15, 2020
वीडियो में एक मजदूर ने कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. वह बेरोजगारी से पैदा हुए हालातों की वजह से भीख मांगने को मजबूर हुए हैं. अब वह डिटेंशन सेंटर में सड़ रहे हैं. इसी तरह अन्य मजदूरों ने कहा कि वो चार महीने से भी ज्यादा समय से असहनीय कठिनाइयों से गुजर रहे हैं. एक मजदूर ने बताया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और श्रीलंका के अधिकारी मजदूरों की मदद कर उन्हें अपने देश वापस भेज रहे हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता और MBT नेता अमजद उल्लाह खान ने बताया कि बिना वर्क परमिट वाले मजबूरों को डिटेंशन सेंटर में भेजा गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सऊदी अरब में भारतीय दूत औसफ सईद को पत्र लिखकर इन 450 मजदूरों की अपील की ओर ध्यान दिलाया है और केंद्र से मजदूरों की मदद की अपील की गई है. जल्द ही मदद की उम्मीद की जा सकती है.
एक मजदूर ने बताया कि आर्थिक तंगी और सुविधाओं के अभाव के कारण उसके भााई की मौत हो गई हैं और उसकी मां की हालत नाजुक बनी हुई है. ऐसे में वह परिवार को संभालने के लिए जल्द से जल्द वापस भारत पहुंचना चाहता है.
Kindly provide us Passport No.,Contact details,visa details of the emigrants and family contact details in India.For further assistance call +91-11-26885021 or write to [email protected] @ProtectorGenGOI
— Pravasi Bhartiya Sahayta Kendra (PBSK) (@HelplinePBSK) September 17, 2020
17 सितंबर को विदेश मंत्रालय की हेल्पलाइन प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र (PBSK) ने अमजद उल्लाह खान को ट्विटर पर जवाब दिया और सभी मजदूरों की पूरी जानकारी, उनका संपर्क नंबर और परिवार का संपर्क नंबर भेजने को कहा है ताकि मजदूरों को वापस लाया जा सके. 2.4 लाख भारतीयों ने लॉकडाउन के दौरान भारत आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, हालांकि सिर्फ 40,000 भारतीय ही वापस आ सके थे.
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