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BJP के IT सेल चीफ अमित मालवीय द्वारा ट्वीट वीडियो अगर सही निकला तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं
Image Credits: Amit Malviya/Facebook
October 4, 2020
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हाथरस मामले में किये एक ट्वीट के कारण भारतीय जनता पार्टी की IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें कथित तौर पर गैंगरेप का शिकार होने के बाद जान गंवाने वाली हाथरस की 19 वर्षीय दलित लड़की की पहचान उजागर हो रही है।
इस बारे में राष्ट्रीय महिला आयोग का कहना है कि रेप पीड़िता की पहचान उजागर करना गैरकानूनी है।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो इस मामले में संज्ञान लेगी। NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि अग वो लड़की एक रेप पीड़िता है, तो वीडियो ट्वीट करने की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और गैरकानूनी भी है. दरअसल, बीते शुक्रवार को अमित मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट किया था।
इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि हाथरस की पीड़िता अलीगढ़ मु्स्लिम यूनिवर्सिटी के बाहर एक रिपोर्टर को बता रही है कि उसका गला घोंटने की कोशिश हुई है। इस वीडियो में मृतका का चेहरा साफ दिख रहा है।
कानून
कानून के मुताबिक, यौन हिंसा पीड़िता या संभावित पीड़िता की पहचान उजागर करने पर दो साल तक की सजा हो सकती है।
साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट किया था कि सिर्फ पीड़िता का नाम उजागर करना ही नहीं बल्कि मीडिया में छपी किसी भी प्रकार की जानकारी से उनकी पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए। ऐसा पीड़िता की मौत के बाद या परिवार की सहमति के बाद भी नहीं किया जा सकता।
वहीं कानून के अनुसार यौन हिंसा की शिकार पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जा सकती। ऐसा करने पर दो साल तक की सजा हो सकती है।
Can you elaborate which law is violated if video of the victim is posted?? Not one report suggests that she was sexually assaulted. It is only a fiction of Lutyen media’s imagination. Are we governed by rule of law or the hallucinations of a few??!! https://t.co/eVTBXGKkHv
— Priti Gandhi – प्रीति गांधी (@MrsGandhi) October 2, 2020
बीजेपी नेता प्रीति गांधी ने भी मालवीय का बचाव किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “एक भी रिपोर्ट ये नहीं कहती है कि महिला का यौन उत्पीड़न हुआ है। ये केवल लुटियंस मीडिया संगठनों द्वारा गढ़ी कहानी है। क्या हम कानून के तहत उत्तरदायी है या लोगों की सोच के?” अमित मालवीय ने प्रीति गांधी के इस ट्वीट को रीट्वीट किया है।
हालाँकि मालवीय ने अपने इस ट्वीट को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके एक और ट्वीट से उनका पक्ष समझा जा सकता है।
इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि हर कोई हाथरस की घटना की यौन हिंसा का रंग देने की कोशिश में क्यों हैं, जब न तो पीड़िता और न ही उसकी मां ने अपनी शुरुआती बयानों में ऐसा कोई जिक्र किया? किसी भी मेडिकल एजेंसी की रिपोर्ट में रेप की बात नहीं कही गई है।
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