
पर्यावरण
त्रिपुरा ने उगाया ‘बैम्बू राईस’, इम्युनिटी बढ़ाने डायबिटीज घटाने में बताया जा रहे है फायदेमंद
October 7, 2020
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बांस कुकीज़ और बांस की बोतलों के बाद, त्रिपुरा ने अब बांस के पेड़ों में फूलों से प्राप्त चावल की विशेष किस्म ‘बैम्बू राईस’ लॉन्च किया है। विशेष चावल में उच्च प्रोटीन, जोड़ों के दर्द और मधुमेह विरोधी लाभ होने का दावा किया जा रहा है।
राज्य सचिवालय में बांस के चावल को लॉन्च करते हुए मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा कि बांस का फूल-चावल एक “आर्थिक रूप से लाभदायक उत्पाद होगा और लोग इसके साथ आत्मनिर्भर बन सकते हैं”। उन्होंने उद्यमियों से इस विशेष किस्म के चावल की मार्केटिंग में पहल करने की अपील की।
Glad to announce that Tripura successfully produced 'Bamboo rice'.
Launched 'Tripura Bamboo Rice' last evening.
Bamboo rice has more protein than normal rice and wheat. It helps to reduce joint pain, back pain and other pain. It also contains anti diabetic elements. pic.twitter.com/ZZs2NA9DYY— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) October 6, 2020
“त्रिपुरा में बांस की प्रचुर मात्रा है और इसलिए हम बांस का उपयोग कर विभिन्न तरह से आमदनी बढ़ाने के रास्ते बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने अतीत में बांस के बिस्कुट, बांस की बोतलें बनाई हैं। यह चावल बांस के फूलों को गलाकर बनाया जाता है। यह मधुमेह कोलेस्ट्रॉल और वसा के खिलाफ बहुत मददगार है”, देब ने कहा।
यह दावा करते हुए कि बांस चावल प्रतिरक्षा/इम्युनिटी बढ़ाने में फायदेमंद है और इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक है, मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि यह राज्य की उद्यमशीलता को बढ़ाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
ओडिशा बैम्बू राईस के लिए प्रसिद्ध है। जबकि बैम्बू राईस या मुलैयारी कई वर्षों में केवल एक बार पैदा होते हैं वो भी तब जब एक पुराना बांस का पेड़ खत्म होने या स्खने से पहले उसमें फूल खिले और उस फूल में अगर उसका बीज हो । मुली बांस, जो आमतौर पर त्रिपुरा में उगाया जाता है, विशेष रूप से इस मीठी, गेहूं सामान, पौष्टिक बैम्बू राईस के लिए अनुकूल है।
वर्तमान में, त्रिपुरा 3,246 वर्ग किलोमीटर के जंगलों और नियोजित वानिकी क्षेत्र में बांस की 21 प्रजातियां उगाता है। 2019 में, राज्य सरकार ने वन, ग्रामीण विकास विभागों और स्थानीय समुदायों को प्रोत्साहन विधियों के माध्यम से शामिल करके बांस की खेती के तहत 15,000 हेक्टेयर क्षेत्र लाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की। इस बाँस का लगभग 80 प्रतिशत भाग मुली बाँस है। इसके अलावा राज्य सरकार ने पहले से ही नदी के किनारे, सड़क के किनारे और परती भूमि में बांस के वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए पहल की है।
इस साल की शुरुआत में, त्रिपुरा की बांस की बोतलों ने रवीना टंडन ने प्रोमोट किया और अभिनेता मनोज वाजपेयी जैसे बॉलीवुड हस्तियों ने आगे आकर इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए पहल की।
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